✍️परवेज अख्तर/सिवान: पूर्व मुख्यमंत्री महामाया प्रसाद सिन्हा का गांव पटेढ़ी आज भी स्वास्थ्य सेवा से कोसों दूर है। पूर्व मुख्यमंत्री 40 वर्ष पहले 18 बेड के अस्पताल बनाने का कार्य अपने निजी जमीन पर शुरू किए, लेकिन कुछ महीने बाद उनका निधन हो गया। उसके बाद किसी ने इस अस्पताल बनाने के लिए आगे नहीं आया। देखते देखते 40 वर्ष बीत गए। ग्रामीणों ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से मुलाकात कर अस्पताल को बनवाने का आग्रह कर चुके हैं। उसके बाद तत्कालीन सांसद, वर्तमान सांसद, तत्कालीन विधायक, वर्तमान विधायक से मिलकर कह चुके हैं, लेकिन सबने सिर्फ आश्वासन दिया।
आजतक किसी ने इसमें कारगर कदम नहीं उठाया। गांव में एक उपस्वास्थ्य केंद्र है, वह भी किराए के मकान में चलता है। उसमें दो स्वास्थ्य कर्मी की नियुक्ति है। दो चार दवा को छोड़कर बाकी दवा नहीं रहता है। अधिकांश लोग जिला अस्पताल या अनुमंडल अस्पताल पहुंचते हैं। ग्रामीण उमेश शाही, रामाशंकर शाही, जगमोहन राम, रामाशंकर शाही, राजेंद्र श्रीवास्तव, विद्या साह आदि का कहना है कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री कुछ दिन और रह जाते तो शायद आज उनका गांव पटेढ़ी गांव विकास के मामले में जिले में एक अलग स्थान रखता है।