परवेज अख्तर/सिवान: महाराजगंज अनुमंडल मुख्यालय के नखास दुर्गा चौक स्थित काली मंदिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ में पूजा एवं प्रवचन सुनने के लिए प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही। वहीं वैदिक मंत्रोच्चारण एवं जयकार से पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। महायज्ञ के अंतिम दिन बुधवार की रात वृंदावन से पधारी कथावाचिका प्रियंका शास्त्री ने कहा कि भगवान केवल भाव के भूखे हैं। भक्त द्वारा भाव से पुकारने पर भगवान उनके घर दौड़े चले आते हैं। उन्होंने बताया कि भावना में भाव नहीं तो भावना बेकार है। भावना में भाव है तो भव से बेड़ा पार है। उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति करने की कोई उम्र नहीं होती।
पांच वर्ष की आयु में ध्रुव की भक्ति पर स्वयं भगवान उनको दर्शन देने के लिए गए। भगवान को पाने की तीन सीढ़ियां श्रद्धा, विश्वास व समर्पण है। इसी प्रकार सुंदर रूप, युवावस्था, संपत्ति व पद इन चारों के साथ विवेक है तो ये चारों व्यक्ति का कुछ नहीं बिगाड़ सकती। उन्होंने बताया विवेक सत्संग से प्राप्त होता है। इसलिए व्यक्ति को संतों का संग करना चाहिए। वहीं अंतिम दिन आचार्य आदर्श भारद्वाज के नेतृत्व में मनीष तिवारी, बंटी वैदिक, धीरज वैदिक, राधे बाबा व प्रकाश तिवारी के वैदिक मंत्रोचार के बीच हवन यज्ञ के साथ महायज्ञ की पूर्णाहुति कराई गई। मौके पर रामबाबू प्रसाद, डेनिस कुमार, मनोज कुमार, सुधीर कुमार, नीरज कुमार, प्रमोद कुमार, ओम प्रकाश गुप्ता लोहा समेत काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।