परवेज अख्तर/सिवान : महाराजगंज अनुमंडल मुख्यालय के राम लखन सिंह चौक के समीप सोमवार को किसान आंदोलन के जनक स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। जयंती समारोह में उपस्थित वक्ताओं ने स्वामी सरस्वती को किसान आंदोलन का जनक व जन्मजात क्रांतिकारी पुरुष बताते हुए उनके जीवन में संघर्ष और त्याग के ऐतिहासिक प्रसंग की चर्चा की। जयंती समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी सहजानंद युवा वाहिनी के राष्ट्रीय संयोजक सह अध्यक्ष डॉ. आनंद ने कहा कि स्वामी जी का जीवन आज भी खुली किताब की तरह है, जिससे हमसभी को प्रेरणा लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जमींदारी प्रथा के उन्मूलन में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
स्वामी सहजानंद मानवीय मूल्यों के संवाहक थे। आजादी के 70 साल बाद भी उनका सपना अधूरा है। उन्होंने लोगों से उनके संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने की अपील की। उनका कहना था कि किसान जब शक्ति वर्धक अन्य मीठा व रसीला गन्ना के साथ ही ऊर्जा पैदा करने वाला फल फूल पैदा कर सकता है तो वहीं किसान अपनों के बीच से किसान नेता भी पैदा कर सकता है। मौके पर अभिषेक कुमार अप्पू, कवि धर्मनाथ सिंह पागल, जितेंद्र कुमार पप्पू, सत्येंद्र कुमार गुड्डू, मनु सिंह, संजय सिंह, प्रशांत सिंह, आलोक सिंह, मुन्ना सिंह, राजन सिंह, प्रकाश सिंह, चंदन सिंह, अमित कुमार बबुआ, डब्लू सिंह आदि उपस्थित थे।