महाराजगंज: ओडीएफ घोषित होने के बावजूद लोग खुले में शौच जा रहे लोग

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परवेज अख्तर/सिवान: महाराजगंज नगर पंचायत को 28 मई 2018 को ओडीएफ घोषित कर दिया गया। नगर पंचायत द्वारा यह कहा गया कि हर घर में शौचालय का निर्माण हो चुका है, लेकिन आज भी लोग खुले में शौच करने जा रहे हैं। शौचालय बनाने के लिए नगर पंचायत के 14 वार्डों में जन जागरुकता अभियान चलाया गया। जगह-जगह दीवारों पर स्वच्छता से संबंधित स्लोगन लिखा गया। नगर पंचायत की माने तो 14 वार्डों में 4721 शौचालय बनाने का लक्ष्य था। इसमें पहले से 2861 शौचालय बन गया था। शेष 1860 शौचालय का निर्माण कर लक्ष्य को पूरा कर ओडीएफ घोषित कर दिया गया।वहीं मुख्य पथ स्थित बोर्ड मिडिल स्कूल के समीप, प्रखंड कार्यालय परिसर में, जरती मां मंदिर के समीप तथा वार्ड संख्या 12 स्थित ब्रह्म स्थान के समीप चार डुप्लीकेश शौचालय का निर्माण किया गया।

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इस पर 15 लाख 30 हजार रुपये खर्च किए गए। इन चारों डुप्लीकेस शौचालय को साफ सफाई की जिम्मेदारी एक एनजीओ को दी गई। एनजीओ की मनमानी से प्रखंड परिसर, ब्रह्म स्थान तथा जरती मां के समीप के शौचालय में बराबर ताला बंद रहता है। जब कोई शौच के लिए जाता है तो चाबी उपलब्ध नहीं होता है। वहीं मुख्य पथ स्थित बोर्ड मिडिल स्कूल के समीप का शौचालय में प्रतिदिन लोग जाते हैं, लेकिन उसके अगल-बगल गंदगी का अंबार लगा रहता है जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है। 14 वार्डों में जिन-जिन लोगों का शौचालय बना है उसे प्रति लाभुक 12 हजार रुपये दिए गए।

गड्ढा खुदाई के बाद प्रथम किस्त के रूप में 7500 रुपये तथा उसके बाद शौचालय निर्माण के बाद दूसरी किस्त 4500 रुपये दिए गए।वहीं वार्ड संख्या तीन, वार्ड संख्या छह एवं वार्ड संख्या नौ सहित कुछ अन्य वार्डों में लोग प्रतिदिन सड़क के किनारे, रेलवे लाइन के किनारे शौच करते देखे जाते हैं। अब यह सोचने की बात है कि जब नगर पंचायत 2018 में नगर पंचायत को ओडीएफ घोषित कर सरकार से पुरस्कृत हो गया,लेकिन उसके बाद भी लोग खुले शौच में शौच कर रहे हैं। यह अशोभनीय है। नगर पंचायत के ईओ ई. हरिश्चंद्र ने बताया कि शौचालय बनने के बाद जो भी खुले में शौच जा रहे हैं उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।