- जवान के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब
- बीएसएफ जवानों ने दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के महाराजगंज थाना के देवरिया गांव निवासी व बीएसएफ जवान जमाल अहमद का शव जैसे ही उनके पैतृक गांव पहुंचा, उनके अंतिम दर्शन के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। सोमवार को झारखंड के हजारीबाग से मृत जवान का तिरंगे में लिपटा शव गांव पहुंचा। शव के पहुंचते ही घर व गांव में कोहराम मच गया। पत्नी समेत स्वजनों के चीत्कार से सभी की आंखें नम हो गई। मुखिया अजित प्रसाद आजादी बाबू, पूर्व मुखिया आलोक सिंह, बीडीसी असरफ अली, वार्ड पार्षद ललन महतो, पंकज कुमार विद्यार्थी, राजा अहमद, मो. कैमूर, अब्दुल्लाह अंसारी, निजाम हुसैन, विनोद सिंह, मुस्लिम अंसारी, आस अहमद समेत सैकड़ों ग्रामीणों ने बीएसएफ जवान का अंतिम दर्शन कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। मालूम हो कि देवरिया गांव निवासी ईस मोहम्मद के पुत्र जमाल अहमद बीएसएफ में सन 1981 में हवलदार के रूप में भर्ती हुए थे।
तब से देश की सेवा में अनवरत तैनात रहे। वर्तमान समय में हजारीबाग में तैनात थे। बताया जाता है कि एक माह से सुगर की बीमारी से ग्रसित थे। पिछले एक माह से तबीयत मे सुधार नहीं होने की वजह से उन्हें रांची के रिम्स अस्पताल मे भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान रविवार को उनकी मौत हो गई। गांव स्थित कब्रिस्तान में पार्थिव शरीर को सपुर्द खाक किया गया। इस दौरान बीएसएफ के आठ जवानों द्वारा सलामी दी गयी। जमाल अहमद की चार पुत्रियां है। एक पुत्री की शादी की थी, जबकि तीन पुत्री रजिया खातून, नईमा खातून व सगुफ्ता खातून अविवाहित हैं। जवान की पत्नी नजमा बेगम व पुत्रियों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं पिता ईस मोहम्मद अपने बेटे के जाने का दर्द सहन नहीं कर पा रहे हैं।