परवेज अख्तर/सिवान: जिले के मैरवा प्रखंड के चुपचुपवा गांव में चल रहे रामकथा के पांचवे दिन कथावाचक राजन जी महाराज ने कहा जिस प्रकार दपर्ण पर धूल जम जाने से उसमें अपना ही चेहरा दिखाई नहीं देता है, ठीक उसी प्रकार मन मैला होने पर मंदिर में जानेपर भी वहां भगवन दिखाई नहीं देते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि सबसे पहले हम अपने मन को निर्मल करें. बिना भजन के मन निर्मल नहीं हो सकता.
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ऐसे में जीवन में जितना हो सके, जब भी फुर्सत मिले, भजन कर लेना चाहिए. क्योंकि मन निर्मल हो जाने से किसी को मंदिर जाने की आवश्यकता नहीं होती. क्योंकि निर्मल मन वालों को घर बैठते ही अपने आप भगवान का दर्शन हो जाता है. कथा में यजमान पवन मिश्रा, संतोष निश्रा, पंकज मिश्रा समेत अन्य ग्रामवासी थे. रामकथा के दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ने से राम कथा में चार चांद लग गया है.