परवेज अख्तर/सिवान: बैंकाक के थाईलैंड काम करने गए मैरवा के चार युवकों को एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही बंधक बनाकर म्यामार भेज दिया गया। वहां उनसे जबरन गैर कानूनी कार्य कराया जा रहा है। इनमें इंजीनियर युवक भी शामिल हैं। विरोध करने पर उनके साथ मारपीट करने और 24 घंटे में एक बार भोजन देने की बात सामने आई है। युवकों को वापस भेजने के लिए चार लाख की मांग की गई है। कहा जा रहा है कि इसी तरह जिले के 30 युवक समेत देशभर के डेढ़ सौ युवक वहां फंसे हुए हैं। सभी युवकों के स्वजन चिंतित हैं। म्यांमार में फंसे युवकों के स्वजन प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, सांसद, विधायक, जिलाधिकारी और एसपी से युवकों को स्वदेश वापस बुलाने की मांग की है। आवेदन भेज कर कहा है कि म्यांमार में फंसे युवकों के जानमाल का खतरा है। उन्हें थाईलैंड बुलाकर धोखे से म्यांमार ले जाया गया। स्वजनों का कहना है कि सभी चारों युवकों की मानव तस्करी कर म्यांमार ले जाया गया है। उन्हें बंधक बनाकर उनसे साइबर क्राइम का कार्य कराया जा रहा है।
24 घंटे में एक बार दिया जा रहा भोजन :
म्यांमार में बंधक बनाकर रखे गए मैरवा के युवकों के स्वजनों ने बताया कि उन युवक का भोजन कई दिनों तक बंद कर दिया गया था। बाद में 24 घंटे में एक बार भोजन खाने के लिए दिए जा रहे हैं। जब इसकी जानकारी म्यांमार में फंसे युवकों ने स्वजनों को दी तब स्थानीय एजेंट पर स्वजनों ने दबाव बनाया। जब इसकी सूचना वहां म्यांमार विद्रोही समूह को मिली तो उन्होंने युवकों से फोन जमा करा लिया। काम के बदले वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। स्वजनों ने जब कहा कि एग्रीमेंट पेपर पर थाईलैंड में ही नौकरी देने की बात थी, लेकिन युवकों को धोखाधड़ी से म्यांमार क्यों भेजा गया। एजेंट ने पहले कहा कि इंडिया बुलाने के लिए चार लाख रुपये प्रति युवक को देना होगा। वहां फंसे रवि प्रताप सिंह के स्वजनों ने तीन लाख 25 हजार उसे बंधक मुक्त कराने के लिए भेज दिए हैं। चार युवकों में से स्वजनों ने इस मामले को लेकर सांसद कविता सिंह, विधायक अमरजीत कुशवाहा, जिलाधिकारी के अलावा विदेश मंत्रालय और पीएमओ को भी पत्र भेजकर धोखाधड़ी करने वाले एजेंट के विरुद्ध कार्रवाई करने और म्यांमार में फंसे युवकों को स्वदेश बुलाने का अनुरोध किया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ने की जानकारी इन्हें नहीं हो सकी है।