परवेज अख्तर/सिवान: सोमवार को मैरवा के भाकपा माले कार्यालय में पहुंची भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित बयूरो सदस्य कविता कृष्णन ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि मैंने ग्रामीण इलाके में जाकर कोविड से हुई मौत के परिजनों से मिले और मैंने उनसे जानना चाहा कि आखिर किस तरह के लक्षण थे.और स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत कैसी थी. जिसपर मैंने सुना तो मैं दंग रह गयी. इस महामारी के दौर में ग्रामीण इलाकों में सबसे अधिक मौते कोरोना से हुई है. कोई स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं मिला. कुछ परिवार ऐसे है जिसे आक्सीजन तथा सही ट्रीटमेंट मिलता तो वह बच सकते थे. इस महामारी में बहुत से बच्चे अनाथ और परिवार बेसहारा हो गया है.
कर्ज में डूब गया है. ऐसी स्थिति में केंद्र और बिहार सरकार आँखे चुरा रही है. यह बिल्कुल गलत बात है. इस संकट में सरकार को आँख में आँख मिलाकर बात करना होगा. सरकार को ऐसा लग रहा है. महामारी चला गया. सरकार को जल्द से जल्द महामारी में जितने भी लोग मारे गये है. उनके परिजन को 4 लाख रुपये की मुवावजा मिलनी चाहिए. सरकार से मांग करते है कि सभी ग्रामीण इलाकों में आक्सीजन,आक्सिमिटर सहित बेसिक व्यवस्था तुरंत होना चाहिए. वैक्सिनेशन अभी भी बिहार में आधा अधूरा हुआ है. जो इसकी रफ्तार को तेज करना चाहिए. तीसरी लहर के पहले सभी को वैक्सीन लग जाना चाहिए. इस दौरान लिबरेशन के अरुण कुमार, भाकपा माले के केंद्रीय कमिटी सदस्य संतोष सहर मौजूद थे.