परवेज अख्तर/सिवान :- भाकपा माले पोलित ब्यूरो के सदस्य सह सिवान के प्रभारी धीरेन्द्र झा ने शनिवार को माले कार्यालय खुर्माबाद में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच विधानसभा चुनाव रिस्की है. फिर भी अपेक्षित तैयारी के साथ अगर आयोग चुनाव कराता है तो उसे सभी राजनीतिक दलों को प्रचार का समान अवसर देना होगा. वर्चुअल रैली के शासकीय प्रयोग पर रोक लगाना होगा. उन्होंने कहा कि भाजपा-जदयू की डबल इंजन वाली नीतीश सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है. कोरोना लॉकडाउन में प्रवासी मज़दूरों से लेकर आम मज़दूर-किसानों को भारी तबाही झेलनी पड़ रही है.
भाकपा माले इसके लिए विपक्ष का साझा मंच बनाने के पक्षधर है. कोरोना महामारी और जारी बन्दी से परेशान जनता के राशन, राहत और रोज़गार के मुद्दे पर आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए भाकपा माले चुनाव की तैयारी कर रही है. कोरोना की रोकथाम और मेहनतकशों को रोज़ी-रोटी उपलब्ध कराने में पटना-दिल्ली की सरकारें बुरी तरह विफल रही हैं. भाकपा माले के वरिष्ठ नेता सह पूर्व विधायक अमरनाथ यादव ने कहा कि हमारी पार्टी ने 5 सीटों से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव राज्य कमिटी के पास भेजा है और तदनुकूल हम जमीनी तैयारी कर रहे हैं. विपक्षी एकता और राज्य की जरूरत के मद्देनजर जो भी फैसला राज्य का होगा,उसे मानकर हम आगे बढ़ेंगे.
भाकपा माले के विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि प्रवासी मज़दूरों सहित सभी मज़दूरों को लॉकडाउन भत्ता दिलाने और क्वारंटाइन सेन्टर के मज़दूरों को घोषित 2000 रुपये के भुगतान को लेकर विधानसभा में पुरजोर आवाज़ बुलंद की जाएगी. पार्टी के राज्य कमिटी के सदस्य नईमुद्दीन अंसारी ने कहा कि जनता के सवालों से घिरी सरकार ध्यान बंटाने के लिये नफरत और विभाजन की राजनीति कर रही है. इस मौके पर बोलते हुए भाकपा माले के जिला सचिव हंसनाथ राम ने कहा है कि भाजपा और आरएसएस की छत्रछाया में सामंती ताकतों का हमला तेज हुआ है और जनता ऐसी ताकतों को जगह जगह मुंहतोड़ जबाव दे रही है. दलितों द्वारा दर्ज मुकदमे पर कोई कारवाई नहीं हो रही है.