पटना: बिहार में एक बार फिर शराबबंदी को लेकर सियासत तेज हो गयी है. विपक्ष तो सरकार पर निशाना साध ही रहा है लेकिन सरकार के सहयोगी बीजेपी और जेडीयू भी इस मामले को लेकर आमने-सामने है. अब एक और सहयोगी हम सुप्रीमो और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी मोर्चा खोल दिया है. दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में जहरीली शराब से अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है. जिस पर बवाल मचा हुआ है।
हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार से बिहार में शराबबंदी कानून पर एक बार फिर से विचार करने को कहा है. उन्होंने कहा कि नालंदा में यह पहली घटना नहीं है इससे पहले गोपालगंज और समस्तीपुर में घटी है. आये दिन इस तरह की घटनाएं घटते रहती है, इसका मतलब साफ है कि अभी बिहार में जो शराब नीति है उसमें कहीं ना कहीं खामी है।
जीतन राम मांझी ने कहा कि शराबबंदी कानून में कहीं न कहीं खामी है, जिसके चलते ये सब बातें हो रही है. शराब पीकर गरीब लोग ही मरते हैं और केस मुकदमा भी होता है तो गरीबों पर ही हो जाता है. जिससे गरीब लोग परेशान है. इसलिए सीएम नीतीश कुमार को इस पर समीक्षा करनी चाहिए. मांझी ने कहा कि शराबबंदी से गरीब परेशान है इसलिए हमलोगों ने नीतीश कुमार जी से अनुरोध किया है कि और मुलाकात जब भी होगी तो उसने आग्रह करेंगे कि शराबबंदी कानून की समीक्षा की जाए।
इससे पहले बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और बिहार सरकार में मंत्री नितिन नवीन ने भी सवाल खड़े किए हैं. बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जदयू नेताओं से पूछा कि क्या इन मृतक के परिजनों को जेल भेज देना चाहिए. इसको लेकर जायसवाल ने एक लंबा पोस्ट किया है. और उन्होंने सरकार से कई सवाल किए हैं. वहीं मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि शराबबंदी कानून पर प्रशासनिक लापरवाही हो रही है. अधिकारी कानून का सही से पालन नहीं कर रहे हैं।