पटना: बिहार के निजी स्कूलों में आधारभूत ढांचे की जांच को लेकर सूबे की सरकार ने कमर कस ली है. बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि एनओसी के बिना किसी भी प्राइवेट स्कूल का संचालन नहीं किया जायेगा, यानी कि वैसे स्कूलों को बंद कर दिया जायेगा।
बिहार में स्कूली शिक्षा की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानि कि सीबीएसई के मान्यता देने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. सीबीएसई अब किसी भी नए परिवाते स्कूल को मान्यता उसकी पढ़ाई लिखाई की गुणवत्ता यानि कि लर्निंग आऊटकम के आधार पर ही देगी. इसके लिए बिहार के प्राइवेट स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर को जांचने का जिम्मा नीतीश सरकार को सौंपा गया है।
नीतीश सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि प्राइवेट स्कूलों में फी को लेकर की जा रही मनमानी पर भी सरकार की नजर रहेगी और जरूरत पड़ी तो ऐसे स्कूलों की मान्यता रद करने की भी कार्रवाई की जाएगी. बिहार के स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र यानि कि एनओसी लेना अनिवार्य हो गया है.
बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि ‘केंद्र सरकार ने निजी विद्यालयों में आधारभूत संरचना की जांच और फिर जिला शिक्षा अधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेने का मानदंड तय किया गया है. पहली से आठवीं कक्षा तक के निजी प्रारंभिक विद्यालयों को 31 दिसंबर तक अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है. बिना अनुमति के अब ऐसे निजी विद्यालय संचालन नहीं होगा. अनुपति प्राप्त करने हेतु निजी विद्यालयों के आवेदन करने और फिर इसके तेजी से निराकरण को लेकर इस पूरी व्यवस्था को आनलाइन कर दिया गया है.