परवेज़ अख्तर/सिवान
“उसकी दुनियां गुलाम होती है जो अली का गुलाम होता है
रंग हैदर का जिस पे चढ़ जाए उसका मर कर भी नाम होता है”!
सोमवार की रात में जिले के जी. बी. नगर थाना क्षेत्र के तरवारा अंसारी मोहल्ला में शहीदे आजम कॉन्फ्रेंस की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। आयोजित कांफ्रेंस को लेकर पूरे मोहल्ला को दुल्हन की तरह से सजाने का सिलसिला जारी है।सजावट व सफाई का काम अपने उरूज पे है।आयोजित कॉफ्रेंस में सिवान के अलावा कई जिलों से कई नामी-गिरामी उलमा व सोअरा तशरीफ़ ला रहे है। बतादें की कॉन्फ्रेंस का आगाज सोमवार की रात्रि नमाज ऐसा बाद से शुरू होगा।इस कांफ्रेंस में दो नामी-गिरामी शायर अपनी-अपनी सुरीले आवाज से नाते -पाक सुनाकर महफ़िल को सराबोर करेंगे।कांफ्रेंस कमिटी के सदस्य मो.गोल्डेन सैफी ,सब्बीर आलम अंसारी ,मकसूद सैफी, रेयाज सैफी, नेयाज सैफी आदि ने बताया कि कांफ्रेंस में मुख्य रूप से दो शायर क्रमशः दिलकश सिवानी और नौशाद छपरहवीं अपनी-अपनी जलवा नाते पाक सुनाकर बिखेरेंगे।
“जमीं मैली नही होती,जमन मैला नही होता
मोहम्मद के गुलामों का कफ़न मैला नही होता”!
बतादें की आयोजित कांफ्रेंस में दूरदराज व आस-पास से आने वाले श्रोताओं के बैठने के लिए उत्तम प्रबंध किए गए है।श्रद्धालुओं के लिए खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई है। वहीं महिला श्रोताओं को बैठने के लिए कमेटी के सदस्यों द्वारा अलग से व्यवस्था की गई है।ताकि महिला श्रोताओं को किसी भी प्रकार का कठिनाई न हो।उक्त आशय की जानकारी कांफ्रेंस कमिटी के सदस्य मो.गोल्डेन सैफी ने दूरभाष पर दी है।