परवेज अख्तर/सिवान: कोविड-19 की दूसरी लहर भारत के लिए चुनौती बना है. हजारों लोग रोज अपनी जान गवां रहे है. मगर मजबूत इरादों और आत्मविश्वास की बदौलत मैरवा के उत्क्रमित उच्च विद्यालय के शिक्षक सुधाकर मिश्रा ने मात्र 15 दिनों में जद्दोजहद के बाद कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी को मात दे दी. अंततः जिंदगी की बाजी जीत ली.वह अब बिल्कुल स्वस्थ है. तथा मैंरवा में आने वाले जान पहचान के शिक्षक सहित अन्य लोग पॉजिटिव होने पर उनको एक बार फोन कर इसके उपचार के बारे में जरूर सलाह लेते है. इस प्रकार कोरोना जैसी बीमारी को मात देने के बाद शिक्षक समाज के लिए प्रेणना श्रोत बन गये. शिक्षक सुधाकर मिश्रा का कहना है कि 4 अप्रैल को उनका रिपोर्ट पॉजिटिव आया.ईश्वर को याद किया. इरादे को मजबूत किया.
इस बीमारी से लड़ने का संकल्प लिया तथा बीमारी को अपने ऊपर बिल्कुल हावी नहीं होने दिया. खुद को घर मे अपने आप को आइसोलेट कर दिया. इस दौरान पत्नी, बच्चे तथा परिवार के सदस्यों ने हिम्मत बधाई. जिसके बाद उन्होंने फिर 15 दिन के बाद अपनी जांच कराई. जिसके बाद उनका रिपोर्ट निगेटिव आ गया. शिक्षक कहते है कि इस बीमारी से लड़ने में जीवन की चुनौती का सामना करने और कठिनाईयों को परास्त करने का पहले से ही आदत बन गया था. उन्होंने यह भी बताया कि मैरवा के सेमरा गांव के शिक्षक संतोष प्रसाद की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वह घबड़ा गये थे. उनका सांस फूलने लगा. उन्होंने शिक्षक को चिकित्सीय उपचार लेने तथा आत्म विश्वास को बनाये रखने की सलाह दी. जिसके बाद शिक्षक 20 दिन के बाद जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आया.