अब आरोग्य दिवस सत्रों पर आसानी से उपलब्ध हो सकेगी दवाइयां और स्वास्थ्य जांच किट

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  • ग्रीन चैनल कार्यक्रम की जिले में हुई शुरुआत
  • कुरियर व एएनएम को दिया गया बैग

गोपालगंज: अब आरोग्य दिवस सत्रो पर आसानी से दवाओं व स्वास्थ्य जांच किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसको लेकर जिले में ग्रीन चैनल कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। बेहतर सामुदायिक स्वास्थ्य की परिकल्पना को साकार करने में जिले में चल रहा ग्रीन चैनल कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा। इस प्रोग्राम को केयर इंडिया के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. शक्ति कुमार सिंह ने कहा कि जिले में शुरू इस कार्यक्रम के जरिये प्रतिरक्षण में यहां की स्थिति बेहतर करने, संस्थागत प्रसव की जटिलताओं को दूर करने, एचआईवी और प्रेग्नेंसी की रिपोर्ट व एनीमिया के मामलों को कम करने में इससे बड़ा बल मिलेगा। सबसे बड़ी बात यह कि आरोग्य दिवस सत्रों पर दवाओं एवं अन्य सामग्रियों की आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ करने की प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सकेगा। आंगनवाड़ी केन्द्रों से स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।

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अब दवाओं साथ-साथ सही समय पर हो होगा इलाज

केयर इंडिया के डिटीएल मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि जिले में नियमित टीकाकरण सत्रों पर आरोग्य दिवस आयोजित करने के लिए ग्रीन चैनल का शुभारंभ किया गया है। केयर इंडिया के द्वारा सभी एएनएम और एभीडी को प्रशिक्षण दिया गया है। ग्रीन चैनल व्यवस्था के अंतर्गत एभीडी द्वारा वैक्सीन के साथ 14 प्रकार की दवाइयां और गर्भवती महिलाओं के हीमोग्लोबिन, एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सिफलिस जांच के लिए आरोग्य दिवस सत्रों पर किट भेजी जाएगी। ये सभी दवाइयां और जांच किट एक कैरी बैग में कुरियर के द्वारा सत्रों पर ले जाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं की जांच होने से समय पर बीमारी का पता चल जाएगा और इलाज हो पाएगा। एनीमिया के लक्षण मिलने पर उसका समुचित इलाज हो पाएगा। गर्भवती एवं धात्री माताओं की जांच के साथ उन्हें आईएफए और कैल्शियम की गोली देनी है।

ऐसे होगी दवाओं की उपलब्धता सुगम

केयर इंडिया परिवार नियोजन समवन्यक अमित कुमार ने बताया कि दवाओं की उपलब्धता के लिए आशा द्वारा गर्भवती एवं धात्री माताओं, ऐसे दंपती जिन्हें परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध कराने हैं, किशोरियों तथा पांच वर्ष तक के बच्चों की ड्यू लिस्ट बनाकर सबसे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भेजनी है, ताकि उनकी जरूरत के मुताबिक वैक्सीन, दवाइयां और जांच सामग्री एभीडी के द्वारा सत्र पर भेजी जा सके। यह कार्य ट्रायल बेसिस पर छह माह के लिए किया जाना है। इस व्यवस्था से नर्सों, आशा व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को सामान ढोने की व्यवस्था से निजात मिलेगी।

कोरोना से बचाव के जारी प्रोटोकॉल का होगा पालन

अभी कोरोना काल में हर कदम पर सतर्कता बरतने की जरूरत है। स्वास्थ्य से जुड़ी गतिविधियों के दौरान भी। मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। कोशिश रहे कि अनावश्यक रूप से कोई चीज ना छुएं। हाथ को साबुन से धोते रहें। साथ ही शारीरिक दूरी का पालन करें।