परवेज अख्तर/सिवान:- कोरोना महामारी के चलते पूरे देश मे जहां लॉक डाउन व सोशल डिस्टेंस का नियम लागू किया गया है। साथ ही सरकार के द्वारा शर्तो के साथ मनरेगा के तहत मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करने का आदेश दिया गया है। सरकारी कार्यो को करने के लिये मजदूरों को मास्क व सोशल डिस्टेंस का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है। जबकि प्रखंड में मनरेगा के तहत कार्य कर रहे मजदूरों में सोशल डिस्टेंस का अभाव और बिना मास्क के कार्य करना प्रतिष्ठा की बात है। मनरेगा के बाबुओं में सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ाना अच्छा लगता है।
प्रखंड के सभी पंचायतों में जहां भी मनरेगा के तहत कार्य हो रहे है वहां सरकार के आदेश की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जाती है। अभी हाल ही में प्रखंड के जिगरहवां पंचायत में ऐसा देखने को मिला अब यही हाल कसदेऊरा पंचायत में देखने को मिल रही है। जहां इस पंचायत के चवर में मनरेगा के सैकड़ो मजदूरों के द्वारा बांध बंधा जा रहा है। इन मजदूरों के चेहरे पर ना तो मास्क है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग है इनके जेहन में कोरोना के संक्रमण का थोड़ा भी भय नहीं है। जब इस संबंध में मजदूरों से पूछा गया तो उनलोगों ने बताया कि हमलोगों को मुखिया या पंचायत सेवक के द्वारा माक्स या सेनिटाइजर उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे से निबटने के लिए सरकार लॉकडाउन लागू किया है। जबकि सरकार द्वारा मनरेगा कार्यो को छूट मिलनें के बाद ग्राम पंचायतों में काम जोर पकड़ने लगा है तो वहीं दूसरी ओर घोर लापरवाही देखी जा रही है। इस सम्बन्ध में पंचायत रोजगार सेवक धीरज जी ने बताया कि पूर्व में जो मास्क आया था वह मजदूरों के बीच वितरण किया गया है। मजदूरों की संख्या बढ़ने के चलते जीविका को मास्क की आपूर्ति करने की बात कही गयी है और सभी मजदूरों को सोशल डिस्टेंस में रह कर कार्य करने का निर्देश दिया गया है।