परवेज अख्तर /सिवान :
सिवान के पूर्व सांसद और राजद के कद्दावर नेता रहे डॉ. मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद पत्नी हिना शहाब लगभग साढ़े तीन महीने तक किसी पुरुष से नहीं मिल सकेंगी। दरअसल मान्यता के अनुसार इस्लाम में पति के मौत के बाद इद्दत नाम की एक रश्म होती है, जिसके तहत दिवंगत की पत्नी को साढ़े तीन महीने तक किसी पराये पुरुष से मिलने पर पाबंदी होती है।
क्या होता है इद्दत ?
दरअसल, इस्लाम में तलाक या पति के निधन के बाद इद्दत की एक परंपरा होती है। इद्दत वो समय होता है जिसमें औरत 3 महीने 10 दिन अपने घर में ही गुजारती है। इद्दत के दौरान औरत को खास निर्देश होते हैं कि वो किसी भी गैर मर्द के सामने न जाए, न ही किसी गैर मर्द को अपना चेहरा दिखाएं।
इद्दत का मकसद
इस परंपरा के पीछे का मकसद ये बताया जाता है कि पति से तलाक या पति के निधन होने के ठीक पहले औरत अगर प्रेग्नेंट हुई हो तो 3 महीने के बाद लोगों को उसकी प्रेग्नेंसी नजर आने लगे। इन 3 महीनों में वो किसी गैर मर्द से मिली भी नहीं होती तो इससे लोग उसके चरित्र का मूल्यांकन कर सकते हैं। इद्दत का समय पूरा होने के बाद औरत चाहे तो दूसरी शादी कर सकती है।
हिना शहाब ने राजद विधायक से मिलने से किया था इनकार
गौरतलब है कि दिल्ली में मो. शहाबुद्दीन के पार्थिव शरीर को सुपुर्द-ए-खाक होने के बाद हिना शहाब और पुत्र ओसामा अपने पैतृक गांव प्रतापपुर पहुंचे थे। प्रतापपुर पहुंचने के बाद राजद के वरिष्ठ नेता व सिवान सदर से विधायक अवध विहारी चौधरी हिना शहाब से मिलने पहुंचे थे, हालांकि हिना शहाब ने उनसे मिलने से मना कर दिया। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा तेज हो गई कि वाकई में शहाबुद्दीन का परिवार राजद से नाराज चल रहा है। जिसके बाद अवध विहारी चौधरी ने अपने सफाई में इद्दत परंपरा का हवाला दिया।