छपरा: एकमा प्रखंड क्षेत्र के बनपुरा गांव में गाजे-बाजे व हाथी-घोड़े के साथ शोभायात्रा निकालकर पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ संत शिरोमणि रविदास की 664वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई. इस दौरान जुलूस सह शोभायात्रा बनपुरा स्थित कार्यक्रम स्थल से होते हुए चनचौरा बजार एवं एकसार होते हुए पुनः कार्यक्रम स्थल पर पहुंची. शोभा यात्रा के दौरान रैदास के भक्तों ने तरह-तरह के करतब व प्रदर्शन कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
तत्पश्चात संत शिरोमणि रविदास जी का बौद्धिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन-पूजन किया गया. महिलाएं अपने-अपने घरों से पुआ पकवान लाकर भोग लगाया.
बौद्धिक सत्र के संबोधन में वक्ताओं ने संत रविदास के उच्च आदर्शो को अपनाने का आह्वान किया. इस मौके पर संत शिरोमणि रविदास पूजन समारोह कमेटी के अध्यक्ष विशेश्वर बौद्ध ने कहा कि हमें अपने महापुरूषों की जयंती जरूर मनानी चाहिए. इससे उनकी यादें ताजा रहती हैं. उन्होंने संत रविदास को समाज के प्रेरणास्रोत बताया.
बसपा नेता योगेन्द्र शर्मा व नंदलाल साधू ने कहा कि संत रविदास समाज के दबे कुचले एवं असहायों के प्रति सहानुभूति रखते थे.उनका मन दया और करूणा से भरा था. उन्होंने समाज के लिए पथ-प्रदर्शक के रूप में भी संदेश दिया. जिस पर चलकर सामाजिक विषमताओं से लड़ा जा सकता है.
शिक्षक योगेन्द्र दास ने कहा कि दुनिया के सभी संतो में सबसे बड़ा संत शिरोमणि गुरु रविदास जी थे. जिन्होंने अपने उच्च विचारों से और अपने बाणी से समाज में फैले अंधविश्वास पाखंड आदि से निकलकर समाज को ज्ञान के तरफ ले जाने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी.
इस अवसर पर जितेन्द्र उर्फ चुनू, जयराम दास, मकसूदन दास, संजय राम, सुरेश राम, रघुवीर यादव, चन्द्रावती देवी, रमावती देवी, रामदेव राम, कमलेश कुमार, डॉ.पशुराम शर्मा, वीरेन्द्र यादव, मुनिल राम, गुड्डू विद्यार्थी, वरूण कुमार, नजमुला खान आदि अन्य शामिल रहे.