महाराजगंज के मोहन बाजार के रामप्रीत मोड़ अवस्थित एक प्राइवेट क्वार्टर लेकर शिक्षा ग्रहण करवाते उसके पिता।
परवेज़ अख्तर/सिवान:
मुखिया सुनील सिंह की निर्मम हत्या के बाद उसके एकलौता पुत्र सुमित कुमार सिंह (16 वर्ष )के जीवन पर ग्रहण लग गया। बतादें कि इस वर्ष सुमित कुमार सिंह मैट्रिक की परीक्षा देकर आगे पढ़ने की तैयारी में था। सुमित यह कह-कह कर बेसुध हो जा रहा है कि मेरे पिता मुझे उच्च शिक्षा के लिए महाराजगंज के मोहन बाजार के रामप्रीत मोड़ अवस्थित एक प्राइवेट क्वार्टर लेकर शिक्षा ग्रहण करवाते थे। मेरे पिता द्वारा बार-बार कहा जाता था कि तुम्हें मैं पढ़ा लिखा कर किसी अच्छे ओहदे पर बिठाउंगा।अपने खोए हुए पिता के ग़म में एकलौता पुत्र सुमित कुमार सिंह घटना के दूसरे दिन बाद ही सदमे से नहीं उबर पा रहा है।
अब लोगों के बीच भी यह प्रश्न खड़ा हो रहा है कि जितना स्नेह व प्यार से अपने एकलौते पुत्र सुमित को उसके पिता महाराजगंज स्थित एक प्राइवेट क्वार्टर लेकर शिक्षा ग्रहण करवाते थे। अब उसका इतना ख्याल कौन रखेगा ? यहां बताते चलें कि घटना के बाद से ही मृत मुखिया का एकलौता पुत्र सुमित कुमार सिंह को लोग सांत्वना देने में लगे हुए हैं। इसके बावजूद वे अपने खोए हुए पिता के ग़म से नहीं उबर पा रहा है। रुक- रुक कर वह अपने पिता के ग़म में दहाड़ मार रो- बिलख रहा है। उसके रोने बिलखने की आवाज सुनकर परिवार के अन्य सदस्यों का भी कलेजा पिघल जा रहा है। वह अपने पिता की सारी दास्ताँ को याद करके दहाड़ रहा है।
एकलौता पुत्र ने दी पिता को मुखाग्नि
एकलौता पुत्र सुमित कुमार सिंह(16 वर्ष) ने अपने पिता की मुखाग्नि दी। मुखाग्नि देने के दौरान वह दहाड़ मार रोने-बिलखने लगा। बतादें कि रविवार की देर रात्रि मृत मुखिया का शव पोस्टमार्टम के बाद उनके पैतृक गांव नेरुआ पहुंचा और रविवार की रात्रि में ही सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में मुखिया की शव यात्रा निकाली गई। तथा गांव स्थित श्मशान घाट में उन्हें पंचतत्व में विलीन कर दिया गया।