पटना : देखिए, लाइन में खड़े सभी मतदाता हमें जिंदा कह रहे हैं। परंतु, अफसर बाबू मतदाता सूची में मृतक मोहम्मद रुस्तम अली दर्ज होने की बात कह हमें मुर्दा मतदाता कह मताधिकार के संवैधानिक अधिकार से वंचित कर दिए हैं। कागज पर मृत 75 वर्षीय मो. रुस्तम अली मैं जिंदा हूं, मैं जिंदा हूं कहते-कहते थक गए पर पैक्स चुनाव में उन्हें वोट नहीं देने दिया गया।
आधारकार्ड लेकर लाइन में लगा ‘मृतक’
दरअसल, सोमवार को छौड़ाही प्रखंड के एजनी पैक्स अध्यक्ष पद के लिए मतदान चल रहा था। एजनी वार्ड नंबर 13 निवासी 75 वर्षीय मो. रुस्तम अली वोट डालने मतदाता पर्ची, आधारकार्ड लेकर एजनी माध्यमिक विद्यालय के मतदान केंद्र पहुंचे थे। मतदाता पर्ची में क्रमांक 1976 में दर्ज अपने नाम की पर्ची, आधारकार्ड के साथ लाइन में लगे थे। इसी बीच पोलिंग अफसर के पास पहुंचे तो वहां मौजूद मतदाता सूची में रुस्तम अली के नाम के आगे मृतक लिखा था। इसे देख मो. रुस्तम अली को मतदान केंद्र से बाहर कर दिया गया। अफसर कहने लगे तुम तो मृत हो, जिंदा कैसे हुए? उनकी कोई दलील नहीं सुनी गई। हास्यास्पद स्थिति थी कि मतदान केंद्र पर मौजूद पोलिंग एजेंट और प्रत्याशी भी उन्हें जिंदा बता रहे थे। इसके बाद काफी देर तक बाद विवाद होता रहा, लेकिन रुस्तम अंतत: मतदान करने से वंचित हो गए।
मृतक हो गया जिंदा, डाल दिया वोट
दूसरी तरफ इसी एजनी पैक्स के मतदाता सूची में कई मृतक को जिंदा कर मतदाता बनाकर मतदान करा दिया गया। पूर्व मुखिया दानिश आलम मतदाता सूची के साथ एजनी निवासी मृतक अलीमुद्दीन मतदाता क्रम संख्या 06, अली हसन क्रम संख्या 43, यूनुस क्रम संख्या 44, इस्लाम अंसारी क्रम संख्या 46, रिजवान अहमद क्रम संख्या 47, अबूजफर क्रम संख्या 528, अरविंद शर्मा क्रम संख्या 1559 की मौत हो चुकी है। आज उन मृतकों के नाम से मतदान हो गया, जबकि जिंदा रुस्तम अली मतदान से वंचित रह गए।
जांच के बाद ही की जाएगी कार्रवाई
मालूम हो कि छौड़ाही प्रखंड के सिहमा पैक्स में भी दो सौ मतदाता के नाम बगैर पैक्स अध्यक्ष एवं प्रबंधक के अनुमोदन के ही मतदाता सूची में दर्ज हो गए हैं। इसको लेकर भी मतदाताओं में काफी नाराजगी देखी जा रही है।बीडीओ छौड़ाही प्रशांत कुमार कहते हैं कि इस संबंध में मेरे पास अभी शिकायत नहीं आई है। मतदाता सूची में अगर नाम में गड़बड़ी हुई है तो आवेदन मिलने पर जांच के उपरांत विधि सम्मत कार्रवाई होगी।