मुजपु्फरपुर: जनाधिकारी पार्टी के संस्थापक पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री साहेब आप अ्रस्पतालज को श्मशान बनने से बचा लिजीए। एसकेएमसीएच में लाश बेड पर रहता है उसको देखने वाला कोई नहीं। पिछले एक सप्ताह से रोज चार-पांच से ज्यादा शव यहां से निलक रहा है। न दवाई, न सफाई न इलाज हद तो यह है कि पीने के लिए पानी व जीने के लिए ऑक्सीजन तक नहीं मिल रहा। बाथयरूम की हालत ऐसी की वहां पर जानवर भी नहीं जा सके। भयावह हालत है। यादव ने कहा कि वह 15 दिन से लगातार अस्पताल का दौरा कर रहे लेकिन कहीं कुछ नहीं सब आंकडा का खेल चल रहा है। जनता भगवान के भरोसे है। आज पूर्व सांसद ने एसकेएमसीएच का दौरा किया। कोरोना वार्ड के अंदर गए। वहां मरीजों व उनके स्वजन से बात की। वहां की व्यवस्था की पड़ताल की।
अपने जन्म भूमि को मॉडल स्वास्थ्य सुविधा दे नहीं पाए तो बिहार क्या संभालेंगे जनाव
पूर्व सांदस यादन ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी जन्म भूमि है यह मुजफ्फरपुर। इस मिटटी में खेले-पढे और जॉब तक पहुंचे। यहां के मिटटी का कर्ज तो चुका दिजीए। यादव ने कहा कि जब अपने गृह शहर के अस्पताल को एक मॉडल अस्पताल नहीं बना सकते तो बिहार की स्वा्रस्थ्य सेवा का क्या हाल होगा यह तो भगवान ही मालिक है। यादव ने आरोप लगाया कि कोरोना मरीज को तो वरीय चिकित्सक देखने तक नहीं जाते है। जूनियर के भरोसे छोड़ दिया गया है। बच गए तो भगवान ही मालिक।
अधीक्षक को बुलाकर कुव्यवस्था से कराया रू-ब-रू
पूर्व सांसद ने परिसर में अधीक्षक को बुलाकर वहा की कुव्यवस्था से रू-ब-रू कराया। अधीक्षक बोले कि उनको रोज 500 से 700 सिलेंडर चाहिए मिल रहा 200 से 300। किसी तरह से मरीज की सेवा कर रहे है। इलाज कराने आए स्वजनों ने कहा कि बाथ रूम की सफाई तक नहीं हो रही नहीं पीने का पानी व दवा ही मिल रहा है। इस मौके पर जाप के प्रदेश महासचिव मुक्तेश्वर सिंहं मुकेश व गांधीवादी रानू शंकर, जाप के जिलाध्यक्ष प्रमोद राय आद शामिल रहे।
यह उठाया सवाल
- कोरोना वार्ड की तीन बार होनी चाहिए सफाई, सेनेटाइजेशन जो नहं हो रहा
- ऑक्सीजन हर बेड पर हर मरीज को मिलना चाहिए जो नहीं मिल रहा
- कंट्रोल रूम के अंदंर व वार्ड में सीसीटीवी लगा रहे ताकि इलाज व सफाई को मरीज के परिजन वअधिकारी देख सके
- कोरोना के चेन तोड़ने के लिए वार्ड में बेहतर इलाज चाहिए ताकि वहां पर मरीज के स्वजन नहीं जा पाए
- संक्रमित के साथ स्वजन रह रहे वह बाहर जाकर दवा, सब्जी अन्य समान लेकर आ रहे ऐसे में कैसे चेन टूटेगा यह गंभीर मामला है।