पटना: बिहार की राजनीति में इन दिनों एक बार फिर से पोस्टर वॉर की सियासत छिड़ गई है. पोस्टर वॉर का असर बिहार में सत्तारूढ़ यानी जनता दल यूनाइटेड और लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल दोनों में एक दिख रहा है. ताजा घटनाक्रम में रविवार को दो ऐसे पोस्टर सामने आए जिसमें दोनों दलों यानी राजद और जेडीयू में मचे घमासान को लोगों के सामने बीच सड़क पर लाकर रख दिया. पटना की सड़कों पर जहां राष्ट्रीय जनता दल के पोस्टर से पार्टी के सबसे बड़े चेहरे तेजस्वी यादव गायब दिखे, तो दोपहर होते-होते तक जेडीयू के भी एक पोस्टर ने बवाल मचा दिया और सड़क पर चर्चा तक छिड़ गई.
दरअसल पार्टी मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कुर्सी छोड़कर केंद्र में मंत्री बने आरसीपी सिंह के स्वागत के लिए जो पोस्टर लगाया गया उसमें जेडीयू के सबसे बड़े चेहरे यानी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह तक को जगह नहीं मिली. साथ ही इस पोस्टर से संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा भी नदारद दिखे. एक साथ पार्टी के दो बड़े चेहरों को पोस्टर में जगह नहीं मिलने से बिहार की सियासत फिर से गरमा गई है.
दरअसल इस पोस्टर को पार्टी मुख्यालय में आरसीपी सिंह के स्वागत के उद्देश्य से लगाया गया है. इस पोस्टर को लगाने वाले पूर्व विधायक अभय कुशवाहा हैं, लेकिन उन्होंने इस पोस्टर में न तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और ना ही संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा को जगह दी है, ऐसे में सवाल यह उठने लगे हैं कि क्या ललन सिंह की ताजपोशी से आरसीपी सिंह का खेमा नाराज चल रहा है. ललन सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद दो दिन पहले ही पटना पहुंचे थे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया था. जबकि आरसीपी सिंह मंत्री बनने के बाद पहली बार 16 अगस्त को पटना आ रहे हैं.