परवेज़ अख्तर/सिवान:
शारदीय नवरात्र में श्रद्धालु मां दुर्गा की भक्ति से सराबोर हैं। बुधवार को श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी मां स्कंदमाता की विधि-विधान से पूजा की और उनसे सद्बुद्धि की कामना की। आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि कि मां के इस रूप की पूजा से मंद बुद्धि भी ज्ञानी बन जाता है। मां के दर्शन के लिए सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लग गया। मंदिर में श्रद्धालु कमल के फूल लेकर पहुंचे थे। ऐसा कहा जाता है कि मां दुर्गा के इस स्वरूप को कमल पुष्प चढ़ाने से माता प्रसन्न होती हैं। मां दुर्गा के दर्शन के लिए श्रद्धालु देर रात तक मंदिर में मौजूद रहे। भक्तों ने मां के दर्शन-पूजन कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान लगे जयकारों से मंदिर परिसर गूंजते रहे।
धूप-अगियारी व घंटा-घड़ियाल की गूंज से पूरा माहौल ही भक्तिमय हो गया है। कहते हैं कि जो भक्त सच्चे मन और पूरे विधि-विधान से स्कंदमाता की पूजा करता है, उसे ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। शहर के संतोषी माता मंदिर, बुढि़या माई मंदिर, महादेवा दुर्गा मंदिर, कचहरी काली मंदिर, सलेमपुर दुर्गा मंदिर सहित दूसरे मंदिरों की सजावट देखने के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे है। मंदिर को रंग-बिरंगे फूल और झालर से सजाया गया हैं, जो श्रद्धालुओं का मन मोह रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि नवरात्र के मौके पर दुर्गा मां के आशीर्वाद के साथ मंदिर की सजावट देखने का यह सुनहरा मौका होता है। मां की प्रतिमा के साथ मंदिर की छटा भी देखते ही बनती है। ऐसा लगता है मां अपने भव्य दरबार में श्रद्धालुओं को दर्शन देने के लिए प्रकट हुई हो।