पटना: बिहार में लागू शराबबंदी कानून को लेकर विपक्षी पार्टियां हमलावर रही हैं. कई मौकों पर सत्ता पक्ष की ओर से विरोधी सुर सुनाई पड़ चुके हैं. शराबबंदी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी तल्ख टिप्पणी कर चुका है. इसके बाद हाल में ही कानून में संशोधन किया गया. अब नीतीश सरकार के मंत्री ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शराबबंदी कानून को लेकर एक लॉ यूनिवर्सिटी से सर्वे करा रही है. इस सर्वे की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आ चुकी है. इसके मुताबिक शराबबंदी कानून का महिलाओं ने पूरा समर्थन किया है. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई मौकों पर शराबबंदी कानून को महिलाओं का पूर्ण समर्थन होने की बात कह चुके हैं.
बिहार सरकार में मंत्री सुनील कुमार ने दावा किया है कि शराबबंदी कानून में हाल में किए गए संशोधन के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे. दरअसल, बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर रही है. शराबबंदी कानून में लगातार विपक्ष के द्वारा खामियां गिनाई गईं. इसके चलते प्रदेश सरकार को शराबबंदी कानून में संशोधन करना पड़ा. इस कानून की वजह से कोर्ट में लगातार मामले बढ़ रहे थे, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी आपत्ति जताई थी. इस बीच मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि शराबबंदी को लेकर चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी से सर्वे कराया जा रहा है.
कोर्ट पर मुकदमों का बोझ कम होने की उम्मीद
सुनील कुमार ने बताया कि सर्वे की प्रारंभिक रिपोर्ट आ गई है. इसमें महिलाओं ने शराबबंदी कानून का पूरा समर्थन किया है. साथ ही उन्होंने बताया कि शराबबंदी कानून में संशोधन से कोर्ट पर पड़ रहे बोझ में कमी आएगी. मंत्री ने दावा किया कि शराबबंदी कानून में संशोधन के बाद इससे जुड़े मुकदमों में 30 से 40 प्रतिशत तक की कमी आएगी. मंत्री ने कहा कि कानून में संशोधन करने के कई कारण थे. इनमें सबसे प्रमुख कोर्ट पर केस का बोझ कम करने के साथ ही ट्रायल पर फोकस किया जा सके. उन्होंने कहा कि इसका सकारात्मक परिणाम जरूर आएगा. मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी के सर्वे की फाइनल रिपोर्ट मिलने के बाद अन्य पहलुओं पर गौर किया जाएगा.
‘लोग अनुभव से ही सीखते हैं’
मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ वह पिछले दिनों जहां भी गए वहां महिलाओं ने शराबबंदी कानून का समर्थन किया. शराबबंदी कानून में संशोधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि लोग अनुभव से ही सीखते हैं और हमलोग का पूरा फोकस शराब माफियाओं पर है. उन्होंने कहा कि अभी एक-दो महीना समय है. हमलोग भी आंकड़े देख लेते हैं और उसके बाद जानकारी दी जाएगी.