परवेज़ अख्तर/सिवान:
जिले के भगवानपुर प्रखंड प्रमुख लखन मांझी के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन में प्रखंड प्रमुख को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। इस बीच प्रखंड परिसर सहित बाहरी भाग में कई बार वाक्य युद्ध की स्थिति बनती-बिगड़ती रही। विपक्षियों में काफी उत्साह देखा गया। शांति व्यवस्था बहाल करने के उद्देश्य से एएसआइ अफताब आलम के साथ काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए मनरेगा भवन के प्रशिक्षण कक्ष में बीडीओ डॉ. अभय कुमार तथा जिलाधिकारी द्वारा नियुक्त प्रेक्षक एएसडीओ किसलय कुमार श्रीवास्तव सदस्यों के पहुंचने से पहले सदन में पहुंच गए थे। बैठक में करीब 11 बजे तक 16 सदस्य उपस्थित हो गए। करीब 11.30 बजे एक सदस्य संजू देवी सदन में आई, लेकिन कार्यवाही शुरू होने से पहले सदन से चली गईं।
12 बजे से कार्यवाही शुरू की गई। सबसे पहले प्रमुख लखन मांझी के खिलाफ लगाए गए आरोप को पढ़ कर सुनाया गया। बैठक की अध्यक्षता पंचायत समिति सदस्य सुनील कुमार ठाकुर ने की। मत विभाजन वोटिग के जरिए किया गया। 28 सदस्य वाली पंचायत समिति में से 16 सदस्यों ने बैठक में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। मतदान के बाद मतों की गिनती बैठक के अध्यक्ष के समक्ष बीडीओ द्वारा किया गया। सभी 16 मत वर्तमान प्रमुख के खिलाफ गया। बीडीओ द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पारित होने तथा वर्तमान प्रमुख लखन मांझी को अपदस्थ होने की घोषणा की गई। इस दौरान बीडीओ ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग से निर्देश मिलने पर नए प्रमुख का चुनाव किया जाएगा। प्रमुख लखन मांझी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद विपक्षी गुट का नेतृत्व कर रहे पूर्व प्रमुख रामजी चौधरी के समर्थकों में उत्साह देखा गया। मत विभाजन मत पेटी में वोट देकर किया गया।
सबसे पहला मत सुमन देवी ने दिया। बैठक में पंचायत समिति सदस्यों में रामजी चौधरी, सुनील कुमार ठाकुर, सुमन देवी, रजिया बीबी, फुलकुमारी देवी, रंभा देवी, जयमाला देवी, इंदु देवी, इंदु देवी, सुगेन कुमार, मो. वजीम, हरि किशोर चौधरी, कृष्णा प्रसाद, तारकेश्वर कुमार, विकास कुमार तिवारी तथा जान मोहम्मद शामिल थे।अचानक बैठक छोड़ चली गईं महिला सदस्य अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए आहूत बैठक में एक-एक कर 17 सदस्य सदन में पहुंचे। कार्यवाही शुरू होने से पहले एक महिला सदस्य संजू देवी ने बीडीओ के समक्ष जाकर कुछ कहा और बीडीओ द्वारा यह कहे जाने कि आप सदन की सदस्य हैं, आप पर निर्भर करता है कि बैठक में शामिल होगी अथवा नहीं। इसके बाद संजू देवी किसी के फोन आने के बाद बैठक छोड़ चली गईं। इस तरह बैठक में भाग लेने वाले सदस्यों की संख्या मात्र सोलह रह गई ।