बिहार में अब रोड एक्सीडेंट में एक की मौत पर भी पीड़ित परिवार को मिलेगी 4 लाख रुपये की सहायता

0

पटना: बिहार में अब सड़क दुर्घटना में सरकारी सहायता का मानदंड बदलेगा। अब तक सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत पर अनुग्रह अनुदान नहीं मिलता है। आने वाले दिनों में एक व्यक्ति की मौत होने पर भी सरकार चार लाख अनुग्रह अनुदान देगी। पीड़ितों को यह राहत राशि देने के लिए राज्य परिवहन विभाग नई नीति बनाने जा रहा है। सड़क दुर्घटना में मौत होने पर अभी आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से स्थानीय प्राकृतिक आपदा के तहत मृतक के करीबी आश्रितों को चार लाख का अनुग्रह अनुदान दिया जाता है। इसके लिए हर जिले में 40-40 लाख का चक्रीय निधि (रिवॉल्विंग फंड) बना है। इस पैसे में दुर्घटना के अलावा बाढ़, डूबने आदि चिह्नित आपदा में भी हताहतों को सहायता दी जाती है। लेकिन आपदा के नियमानुसार सड़क दुर्घटना में एक से अधिक का होना जरूरी है।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

यानी, एक की मौत भी हो जाए तो उसके साथ दूसरे शख्स को कम से कम सात दिनों तक अस्पताल में रहना जरूरी है। इस मानक पर राज्य के सैकड़ों लोगों को सरकारी सहायता नहीं मिल पाती है। खासकर बाइक पर अकेले सवारी करने, सड़क पार करने क्रम में दुर्घटना होने पर एक शख्स की मौत हो जाए तो उनके परिजनों को सरकारी सहायता नहीं मिल पाती है। विधानमंडल में भी इस मसले पर पक्ष-विपक्ष के सदस्यों की ओर से कई बार सवाल उठाए गए हैं। लेकिन जवाब में अब तक सरकार अपनी विवशता जाहिर करती रही है। बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक की थी। बैठक में सीएम ने सड़क दुर्घटना में मौत होने पर अनुग्रह अनुदान देने के लिए परिवहन विभाग को रिवॉल्विंग फंड बनाने का टास्क सौंपा और नई नीति बनाने को कहा। इसी क्रम में विभाग सड़क दुर्घटना के हताहतों को राहत देने के लिए नीतिगत बदलाव करने जा रहा है।

साल-दर-साल हादसे

साल  दुर्घटनाएं  मौत हुई

  • 2015  9555   5421
  • 2016 8222   4901
  • 2017 8855   5554
  • 2018 9600   6729
  • 2019 10007 7205

लोगों को सरकारी सहायता मिले

विभाग यह प्रावधान करने जा रहा है कि सड़क दुर्घटना में मारे गए लोगों को सरकारी सहायता मिले। इसके लिए संख्या की बाध्यता समाप्त की जाएगी। इलाज के खर्च में भी सरकारी सहायता में वृद्धि हो सकती है। चूंकि परिवहन के अधिकतर नियम केंद्र सरकार से सीधे सम्बद्ध होते हैं। ऐसे में राज्य सरकार नियम बनाकर उस पर अमल कर सकती है या नहीं, इसके लिए विधिवेत्ताओं से परामर्श लिया जा रहा है। बाढ़, सुखाड़, अगलगी, तूफान जैसे बहुआपदा वाले राज्य बिहार में सड़क दुर्घटना भी बड़ी आपदा बनते जा रही है। साल 2019 को ही लें तो बिहार में 10007 सड़क दुर्घटनाएं हुई। इसमें 6872 गंभीर दुर्घटना हुई तो 334 छोटी दुर्घटनाएं हुई। सड़क दुर्घटना में 7205 लोगों की मौत हो गई। 491 दुर्घटनाएं ऐसी रही, जिसमें कोई घायल नहीं हुआ। सड़क दुर्घटना में राहत देने के लिए सरकार के स्तर पर नीति बनाई जा रही है। इसमें सभी पहलुओं का ख्याल रखा जाएगा ताकि लोगों को अधिक राहत मिल सके।

संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, परिवहन विभाग