पटना:शराबबंदी पर सख्ती से जुटी बिहार पुलिस को अब आलू-प्याज बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। दरअसल आलू बेचने की नौबत के पीछे भी बिहार के शराब माफिया की कारगुजारी है। बिहार पुलिस द्वारा आलू बेचे जाने का ये मामला अरवल जिला से जुड़ा है। अरवल की पुलिस अब अपराधिक गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करने के अलावा आलू-प्याज भी बेचेगी। बिहार में शायद यह पहला मौका होगा जब पुलिसिंग के अलावा कई सामान की बिक्री भी बिहार पुलिस के जवान करेंगे।
दरअसल बिहार में जारी पूर्ण शराबबंदी के बाद भी लगातार शराब माफिया पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य कई सामान की आड़ में देसी-विदेशी शराब की तस्करी करते हैं। बड़ी गाड़ियों में आलू, लहसुन, प्याज, दूध, गैस एंबुलेंस की आड़ में भी शराब की तस्करी होती है। ऐसे में अलग-अलग थाने में शराब के अलावा गाड़ियों पर लदी सामग्री भी पुलिस जब्त करती है। जब्त वाहनों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू है। लेकिन वैसी सामग्री जो जब्त करने के उपरांत तुरंत खराब होने वाली होती है उनको भी अब अरवल पुलिस नीलाम करगी।
सामान की नीलामी से मिली राशि सरकारी कोष में भी जमा कराई जाएगी। यह बिहार में पहला मौका होगा जब वाहनों की नीलामी के साथ अन्य जब्त सामग्री की नीलामी का फैसला लिया गया है। बिहार का अरवल जिला सोन से सटा है, इस कारण शराब की तस्करी के लिए इसे सेफ जोन भी माना जाता है।अरवल जिले के थाने में लाखों रुपये के आलू हाल के दिनों में जब्त किए गए थे। उन्हें नीलाम कर सरकारी कोष में जमा करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इनको बाजार भाव के अनुसार कीमत लगा कर अरवल पुलिस नीलाम करेगी। अरवल डीएम जे प्रियदर्शिनी ने आलू की नीलामी का आदेश जारी किया है। कुल एक सौ क्विंटल आलू की नीलामी गुरुवार को ही होनी थी। लेकिन शराब विनष्टीकरण में थानाध्यक्ष की व्यस्तता के कारण अब यह कल होगी।