परवेज अख्तर/सिवान : जनता की रक्षा करने वाली पुलिस पर जब अनदेखी का आरोप लगेगा तो जनता जर्नादन का विरोधाभास पुलिस को ही झेलनी पड़ेगा। आंदर प्रखंड में भी पुलिस पर मनमानी का आरोप लगाते हुए एक महिला शुक्रवार की रात से बीच सड़क पर लेट गई और वरीय अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाने लगी। सुनसान सड़क पर शुक्रवार की रात और शनिवार की सुबह तक वह सड़क पर लेटी रही। इसी बीच शनिवार की अलसुबह तेज गरज के साथ बारिश भी हुई फिर भी वह बीच सड़क पर न्याय के लिए भीगते हुए बैठी रही, बावजूद इसके स्थानीय पुलिस ने मूकदर्शक बनने का काम किया। इस बात की जानकारी जैसे ही जिलाधिकारी रंजिता को हुई उन्होंने तत्काल महिला हेल्पलाइन की काउंसलर और बीडीओ को घटना स्थल पर पहुंच कर पीड़ित महिला का हाल जान उसे समझा बुझा कर सड़क से हटाने का निर्देश दिया। काफी मशक्कत के बाद उसे सड़क से हटाया गया। इस बीच पुलिस की चुप्पी को देख ग्रामीणों ने सड़क जाम करते हुए आगजनी की। पीड़िता का आरोप था कि उसे उसके ससुराल वालों ने घर से बेदखल कर दिया है और स्थानीय थानाध्यक्ष द्वारा एक तरफ कार्रवाई की जा रही है। बीच सड़क बैठी थाना क्षेत्र के जयजोर गांव की अन्नपूर्णा देवी ने आरोप लगाते हुए बताया कि वह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की रहने वाली है। 2010 में सिवान के जयजोर गांव के मूल निवासी और वर्तमान में फैजाबाद में सपरिवार जा बसे संदीप कुमार से उसकी शादी हुई। शादी के पश्चात उसे दहेज की मांग को लेकर ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किया जाने लगा। इसी बीच उस महिला ने एक पुत्र को भी जन्म दिया था। जिसका नाम श्रेष्ठ श्रीवास्तव (7 वर्ष) है। ससुराल वालों द्वारा लगातार दहेज को लेकर प्रताड़ित किए जाने के कारण वह अपने मायके लखनऊ आ गई और अपने पति एवं ससुराल वालों पर दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज किया जो कोर्ट में विचाराधीन है। हाल में उसने अपने पति के फेसबुक पर एक महिला के साथ उसकी एक तस्वीर देखी जिसमें उसके पति संदीप ने उसे अपनी पत्नी लिखा था। इसके बाद वह सिवान आई और एसपी से न्याय की गुहार लगाई। एसपी के निर्देश पर उसने आंदर थाना जाकर अपना आवेदन दिया। इसके बाद पुलिस उसके साथ उसके ससुराल जयजोर गांव गई, वहां पर उसका पति संजीत तो नहीं मिला लेकिन उसके माता-पिता के साथ एक नई नवेली दुल्हन मिली, जिसने खुद को संदीप की पत्नी बताया। उसने यह भी कहा कि उसे नहीं मालूम था कि उसका पति की पहले से शादी हो चुकी है। वहीं अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि उसके सास-ससुर ने उस तीसरी औरत को घर के पिछले रास्ते से भगा दिया, जिसके बाद पुलिस ने अन्नपूर्णा को उसके ससुराल में छोड़ दिया और वापस चली गई, लेकिन पुलिस के जाते ही उसके सास-ससुर ने महिला को जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि तुम मेरे बेटे को तलाक दे दो, अगर अपनी मर्जी से तलाक नहीं दोगी तो हम किसी भी हालत में तलाक लेकर रहेंगे। इसके बाद थाना में आवेदन देकर सारी जानकारी दी और पुन: शुक्रवार की शाम ससुराल रहने के लिए गई तो मेरी सास आरती देवी, ससुर शिवनाथ श्रीवास्तव मुझे अपना बहू मानने से इन्कार कर दिया और सारा सामान भी बाहर फेंक दिया। स्थानीय थाना पर लगाया गंभीर आरोप, पुलिस जवानों द्वारा मारने की कही बात इस मामले में पीड़िता ने बताया कि स्थानीय थाना पर एफआइआर दर्ज नहीं करने का आरोप लगाया और थाना में जबरन बैठाए रहने का आरोप लगाते हुए जबरन गलत आवेदन लिखवाने की बात कही। साथ ही पूरी रात थाने में बैठाकर आधी रात को ससुराल छोड़ने का आरोप लगाया। पीड़िता ने कहाकि आंदर थाना से मुझे कोई उम्मीद नहीं है। पीड़िता ने यह भी कहाकि आंदर थाना में तैनात पुलिस बल के जवानों ने उसके साथ मारपीट की और बीच सड़क पर घसीटा साथ ही उसके कपड़ों को हटा दिया और उसके साथ दुर्व्यवहार किया।
डीएम के आदेश पर बाद में पहुंची बीडीओ व महिला काउंसलर
इस संबंध में डीएम रंजिता के आदेश पर प्रखंड विकास पदाधिकारी नीलम कुमारी ने महिला हेल्पलाइन की काउंसलर रागिनी कुमारी पीड़िता के पास गईं और बातचीत की। जिस पर पीड़िता ने उसके पति की दूसरी शादी को खारिज करने और उसके पुत्र को न्याय दिलाने की मांग की। अधिकारी ने बताया कि सोमवार को पीड़िता को आवेदन के साथ मुख्यालय बुलाया गया है और आगे की कार्रवाई की बात कही गई।