पटना: बिहार की सियासत में तेजी से घटनाक्रम बदल रहा है. कुछ दिन पहले तक सब कुछ ऑल इज वैल का दावा करने वाले अब बैठकों में शामिल होने लगे हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. गेंद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खेमे में है और उनके फैसला का सभी को इंतजार चल रहा है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या फिर नीतीश कुमार अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने वाले हैं? क्या एक बार फिर चुनाव से ठीक पहले वे कोई बड़ा खेल करने वाले हैं?
नीतीश को विपक्ष से क्या ऑफर मिला?
अभी जेडीयू की विधायक दल की एक अहम बैठक होने वाली है. आरजेडी भी अपने विधायकों के साथ एक बैठक करेगी. कहा जा रहा है कि बैठक में बिहार की वर्तमान स्थिति पर मंथन होने वाला है, आगे की रणनीति पर विचार-विमश होगा. इन बैठकों से पहले ही बयानबाजी और ऑफर का सिलसिला शुरू हो चुका है. विपक्षी पार्टी CPIML(L) के नेता दिपांकर भट्टाचार्य ने शर्त रख दी है कि अगर जेडीयू बीजेपी का साथ छोड़ने को तैयार हो जाती है, तो उसे मदद की जा सकती है. इसी तरह आरजेडी की तरफ से भी एक नपा-तुला बयान सामने आया है. खुलकर तो समर्थन का कोई ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन ‘जनता का आदेश’ और ‘वर्तमान स्थिति’ जैसे बयानों के जरिए कुछ संकेत जरूर दे दिए हैं.