✍️परवेज़ अख्तर/सिवान:
शहर के गांधी मैदान में शनिवार को नौ दिवसीय श्रीराम कथा के पंचम दिन कथावाचक राजन महाराज ने प्रभु श्रीराम के विवाह का प्रसंग सुनाया तो लगभग मौजूद हर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो उठे। राजन महाराज ने श्रीराम कथा के दौरान कहा कि जीवन में अगर भजन हो तो पूरा जीवन धन्य हो जाता है। प्रभु के नाम स्मरण से बढ़कर दुनिया में कुछ भी नहीं है। भगवान का नाम लेने से आस पास का वातावरण भी दिव्य हो जाता है।किसी भी विपरीत परिस्थिति में यदि आप प्रभु नाम उच्चारित करते हैं तो आपको सकारात्मक ऊर्जा की अनुभूति होना निश्चित है। उन्होंने भगवान राम और सीता के विवाह का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि रघुनंदन के सुंदर स्वरूप को देखकर मिथिला नगरी निहाल हो गई।
उन्होंने कहा कि जिसकी जैसी भावना होती है प्रभु की मूरत भी उसे वैसे ही दिखाई देती है। श्रीराम कथा सुनाते हुए राजन महाराज ने कहा कि अपने उत्थान के लिए किसी पर निर्भर रहना उचित नहीं है। अपितु उत्थान के लिए आत्मनिर्भर प्रयास की आवश्यकता होती है। इस आत्मनिर्भरता के बीज बचपन से ही बच्चों में माता पिता को भरना चाहिए। इससे बच्चों के आत्मविश्वास को एक महत्वपूर्ण आधार मिलता है। कथा के समापन पर आयोजन समिति के अध्यक्ष डा. रामेश्वर कुमार, डा. शरद चौधरी और डा. राजन कल्याण सिंह ने स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। कथा श्रवण के लिए डा. ए के अनिल भी पहुंचे थे।