परवेज अख्तर/सिवान : अनुमंडल कार्यालय परिसर में मंगलवार को व्यवहार न्यायालय शुरू कराने की मांग को ले अधिवक्ताओं का धरना संघ के अध्यक्ष मुंशी की अध्यक्षता में तीसरे दिन भी जारी रहा। अधिवक्ताओं के धरना से महाराजगंज में न्यायिक सेवा चरमरा गई है। उन्हें जाति, आय, निवास प्रमाण बनवाने को ले एफडेबिट की अश्वयकता होती है जो अधिवक्ताओं के हड़ताल के कारण प्रभावित हो रही है। अनुमंडलीय अधिवक्ता संघ के सचिव दिनेश प्रसाद सिंह ने कहा कि धरना-प्रदर्शन के तीसरे दिन भी धरना पर बैठे अधिवक्ताओं में अंसतोष की भावना पनप रही है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं में आक्रोश भड़का तो इसकी सारी जिम्मेदारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश की होगी। न्यायिक कार्य पूरी तरह ठप है, जिसके चलते कई का भविष्य दांव पर लग गया है। उन्होंने बताया कि मांग मनवाने के लिए अधिवक्ताओं का एक से दो दिन धरना प्रदर्शन काफी है। यहां तो अधिवक्ताओं के धरना प्रदर्शन का रिकार्ड बनने जा रहा है। ऐसे ही अधिवक्ता धरना पर बैठे रहें तो आंदोलन की चिंगारी कभी भी धधक सकती है। सचिव ने कहा कि अभी नहीं तो कभी नहीं इस बार व्यवहार न्यायालय के सिवाय कोई समझौता नहीं होगा। चाहे इसके लिए क्यों न महीनों ही नहीं वर्षों धरना-प्रदर्शन एवं आंदोलन करना पड़े। उन्होंने कहा कि व्यवहार न्यायालय चालू कराने के लिए ट्रेन रोका जाएगा, सचिवालय का भी घेराव किया जाएगा। सचिव ने बताया कि 28 तक मांग पूरी नहीं हुई तो जिला न्यायाधीश एवं हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष भी धरना देंगे। इस मौके पर अधिवक्ता रश्मि कुमारी, आमोद कुमार भानू, अनिल कुमार सिंह, चितरंजन सिंह, सुरेंद्र सिंह, प्रेमनाथ प्रसाद, जय प्रकाश सिंह, करुनाकांत सिंह,राजकिशोर शर्मा, नीरज कुमार, अरुण कुमार सिंह, पीपी आर द्विवेदी, अजय कुमार सिंह, ओमप्रकाश प्रसाद, उमाकांत यादव, संजय उपाध्याय,राकेश सिंह एवं रमेश वर्मा आदि शामिल थे।
तीसरे दिन भी अधिवक्ताओं ने दिया धरना
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