शुभम श्रीवास्तव/गोपालगंज:
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसान ही सरकारी क्रय केंद्रों पर अपना धान बेच सकेंगे। किसानों को नाम-पते के साथ-साथ अपनी खेती से संबंधित ब्योरा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पोर्टल पर दर्ज कराना होगा। किसान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के लिए विभाग में आवेदन भी दे सकते हैं। आवेदन देने वाले किसानों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर उनका नाम विभागीय पोर्टल पर दर्ज कर लिया जाएगा। जो किसान अपना ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कराएंगे, न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत उनके धान की खरीद सरकारी क्रय केंद्र पर नहीं की जाएगी। जिले में धान की सरकारी खरीदारी को लेकर सहकारिता विभाग ने अभी से अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
धान की कटनी के बाद नवंबर महीने से धान की सरकारी खरीदारी शुरू होगी। लेकिन, सरकारी क्रय केंद्रों पर उन्हीं किसानों के धान खरीदे जाएंगे जो सहकारिता विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराएंगे। किसानों को अपना धान बेचने से पहले विभाग के पोर्टल पर अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराना है। पोर्टल पर जाने के बाद किसानों को पांच चरण पूरे करने होंगे। पहले चरण के तहत किसानों को एक प्रोफार्मा भरना होगा, जिसमें किसानों के नाम, पते, खाता, खेसरा के साथ-साथ कुछ अन्य जानकारियां देनी होगी। दूसरे चरण में किसान पंजीकरण प्रिट प्रपत्र भरना होगा। तीसरे चरण में पंजीकरण से संबंधित ब्योरे के संशोधन का विकल्प होगा।
चौथे चरण में पंजीकरण लॉक करने के बाद पांचवें चरण में पंजीकरण का फाइनल प्रिट लिया जा सकेगा। यह काम किसान किसी भी जन सुविधा केंद्र या साइबर कैफे से कर सकते हैं। ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कराने वाले किसानों से धान की खरीदारी नहीं की जाएगी। ऑनलाइन पंजीकरण करने में किसी भी तरह की दिक्कत होने पर किसान विभागीय कार्यालय में संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि धान क्रय नीति के तहत ऑनलाइन पंजीकृत किसानों से ही न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत धान की खरीद की जाएगी। पंजीकरण प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। किसानों को असुविधा से बचने के पहले ही पंजीकरण करा लेना चाहिए।