- स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव ने पत्र द्वारा जारी किये निर्देश
- डेडीकेटेड कोरोना अस्पतालों पर मरीजों के बढ़ते बोझ को देखकर लिया गया निर्णय
- गठित कमिटी लेगी मरीजों को रेफर करने पर निर्णय
सिवान:- कोरोना संक्रमण के ख़िलाफ़ आज पूरा विश्व जंग लड़ रहा है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण से राज्य भी अछूता नहीं है. संक्रमण के बढ़ते प्रसार ने सरकार के लिए अनेक चुनौतियाँ खड़ी की है. ऐसा देखा जा रहा है कि जिलों में कोरोना पॉजिटिव मरीज को सीधे डेडीकेटेड कोरोना अस्पताल में रेफर किया जा रहा है. इससे जिलों में बने आइसोलेशन सेंटर की उपयोगिता नहीं रह जा रही है और डेडीकेटेड कोरोना अस्पतालों पर दबाव दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. इसे देखते हुए विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर ने पत्र द्वारा सभी जिलों के सिविल सर्जन को दिशानिर्देश जारी किया है. जिसमें बताया गया है कि विभाग को पूर्व में सूचित करने के बाद ही केवल गंभीर कोरोना मरीजों को डेडीकेटेड कोरोना अस्पताल में रेफर किया जाना है.
तीन सदस्यों की कमिटी का किया गया गठन
पत्र के माध्यम से बताया गया है कि जिले से सामान्य कोरोना पॉजिटिव केसेज को डेडीकेटेड कोरोना अस्पताल में रेफर करने की स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए डॉ. नवीन चन्द्र प्रसाद, निदेशक प्रमुख( रोग नियंत्रण, लोक स्वास्थ्य, पारामेडिकल) स्वास्थ्य सेवाएं बिहार सरकार की अध्यक्ष्ता में तीन सदस्यों की कमिटी का गठन किया गया है. सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया है कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों को आइसोलेशन सेंटर में रखना सुनिश्चित करें. यदि किसी कोरोना मरीज की चिकित्सीय स्थिति गंभीर हो और ऐसा लगे की उसे रेफर करने की जरुरत है तो उक्त मरीज का विस्तृत मेडिकल हिस्ट्री अंकित करते हुए डॉ. नवीन चन्द्र प्रसाद की अध्यक्ष्ता में गठित कमिटी के विचार हेतु ईमेल आईडी neprsdd29@rediffmail.com पर मेल करना होगा. कमिटी द्वारा अगर रेफर करने का निर्णय लिया जाता है तत्पश्चात सिविल सर्जन मरीज को कमिटी के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मरीज को रेफर करने की कार्यवाही करनी होगी.
ये हैं गठित समिति के सदस्य
- डॉ. नवीन चन्द्र प्रसाद, निदेशक प्रमुख( रोग नियंत्रण, लोक स्वास्थ्य, पारामेडिकल) स्वास्थ्य सेवाएं बिहार सरकार
- डॉ. शिव चन्द्र भगत, अपर निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार सरकार
- डॉ. उमेश प्रसाद वर्मा , अपर निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार सरकार
आइसोलेशन सेंटर में हो कोरोना मरीजों को रखने की पहल
पत्र के माध्यम से यह सन्देश देने का प्रयास किया गया है कि विभिन्न जिलों में बने आइसोलेशन सेंटर में ही कोरोना मरीजों को रखकर उनका उपचार किया जाये. अगर किसी मरीज की चिकित्सीय स्थिति गंभीर नजर आये तभी उक्त मरीज को डेडीकेटेड कोरोना अस्पतालों में रेफर दिए गए दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए किया जाये. इससे कोरोना के लिए चिन्हित अस्पतालों पर दबाव कम होगा और मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सुविधा मिल सकेगी.