पटना: शिक्षा विभाग के शराबियों को पकड़वाने वाले पत्र पर विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार की आलोचना की है। जहां राजद सहित कांग्रेस ने इस फरमान को तुगलकी कहा है। वहीं, दूसरी तरफ बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि इस पत्र को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन फैलाया जा रहा है।
शराब से जुड़े इस पत्र पर राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि कई लोगों द्वारा कन्फ्यूजन क्रिएट किया जा रहा है। सरकार ने तो पहले ही सभी नागरिकों से अपील की थी, अब विभाग ने अपने सम्मानित शिक्षकों से अपील की है। यह तो विभाग ने फिक्स नहीं किया है कि सप्ताह में शराब से जुड़ी इतनी सूचना देनी है। बस कहा गया है कि ऐसी को जानकारी मिले तो सूचित करें।
सरकार के तरफ से सभी नागरिकों को ये बातें कहा जा रही है कि कहीं कोई शराब पी रहा हो या शराब का स्टॉक किया जा रहा है तो गुप्त रुप से सूचना दीजिए। ऐसे में शिक्षकों से भी कहा गया तो इसमें गलत क्या है। शिक्षा मंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि शिक्षकों को जिम्मेदार नागरिक आप नहीं मानते क्या ? शराब पीना गलत चीज है और इस विचार को शिक्षा के मंदिर से दिया जाए तो गलत क्या है ?कन्फ्यूजन क्रिएट किया जा रहा है।
राजद के प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता चित्तरंजन गगन ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की घोर कमी है। बिहार में आधे से ज्यादा शिक्षक के पद रिक्त हैं। इससे कई स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई बाधित रहती है। अब सरकार शिक्षकों को शराब की बोतल खोजने में लगवा रही है। सरकार की जीद्द की वजह से पहले से ध्वस्त शिक्षा व्यवस्था और भी चौपट हो जाएगी।
पहले ही शिक्षकों से कई तरह के काम जैसे कि वोटिंग लिस्ट से जुड़े कार्य, चुनाव डयूटी और किसी तरह का सर्वेक्षण करवाया जाता रहा है। अब शिक्षक का काम शराबियों को खोजना भी कर दिया जा रहा है। खुले में शौच करने वाले को पकड़ने तो कभी बोरा बेचने का काम दिया जाता रहा है। शिक्षा कितनी प्रभावित होगी इसकी रत्ती मात्र भी परवाह सरकार को नहीं है। सरकार को अतिशीघ्र यह फरमान वापस लेना चाहिए।