पटना: पंचायत चुनाव में अपनी उम्मीदवारी और जीत सुनिश्चित करने के लिए एक-से-एक तरीके और जुगाड़ अपनाए जा रहे हैं। गया में एक युवक ने जब खुद को मुखिया पद पर नामांकन के योग्य नहीं पाया तो उसने बगैर लग्न और बाराती के शादी कर ली और अपनी पत्नी को मैदान में उतार दिया। चुनावी मौसम में हुई इस शादी की चर्चा जोरों पर है। मामला खिजरसराय प्रखंड के होरमा पंचायत का है। अब दूल्हा-दुल्हन की जोड़ी लोगों से वोट मांग रही है।
जति प्रमाण पत्र नही बनने पर बेमौसम शादी कर पत्नी को मैदान में उतारा
दरअसल खोरमा पंचायत के बिंदौल गांव का निवासी युवक आदित्य कुमार उर्फ राहुल दांगी जाति से ताल्लुक रखते हैं। लंबे समय से राहुल मुखिया पद पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। नामांकन के पहले अपना जाति प्रमाण पत्र लेने के लिए जब वे प्रखंड पहुंचे तो पता चला कि उनके जमीन के कागजातों में दांगी जाति का उल्लेख नहीं है। इस वजह से उन्हें दांगी जाति का प्रमाण पत्र नहीं मिल सकता है। जाति प्रमाण पत्र नहीं होने की स्थिति में राहुल खुद को नामांकन के योग्य नहीं पा रहे थे। लेकिन राहुल ने हिम्मत नहीं हारी और दूसरा उपाय खोज निकाला। राहुल ने अपने पड़ोसी पंचायत नौडीहा की युवती सरिता से विवाह करने का निर्णय लिया। सरिता और राहुल दोनों एक ही जाति के हैं और सरिता के पास जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध है। आनन-फानन में दोनों ने सूर्य मंदिर में पहुंचकर बगैर लग्न और शुभ मुहूर्त के शादी कर ली। इस शादी में न बाराती आए न बैंड बजा। राहुल अपनी दुल्हन को लेकर घर पहुंचा जहां दोनों का भव्य स्वागत हुआ। उसके बाद राहुल ने मुखिया पद के लिए अपनी पत्नी सरिता का नामांकन पर्चा दाखिल करा दिया।
विरोधियों को जबाब देने के लिए की शादी
सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए बगैर लग्न के शादी करने के सवाल पर राहुल बताते हैं कि विरोधियों ने साजिश रची थी कि राहुल चुनाव नहीं लड़े। उनकी साजिश को जवाब देने के लिए उन्होंने बगैर शुभ मुहूर्त के ही शादी कर ली है। अब पत्नी सरिता राहुल के स्थान पर पंचायत की कमान संभालेगी। राहुल इसे खुलकर स्वीकार करते हैं कि सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए ही उन्होंने यह बेमौसम शादी की है। मुखिया पद की उम्मीदवार बनी नई नवेली दुल्हन सरिता भी कहती है के पति के साथ मिलकर वह यह चुनाव जीत लेगी और जनता की सेवा करेगी।