पटना: भाजपा के विधायक रहे राज किशोर केसरी की हत्या में उम्रकैद की सजा काट रही महिला कैदी रूपम पाठक को सुप्रीम कोर्ट ने पेरोल मंजूर कर ली है। बेटी की शादी में शामिल होने के लिए महिला को 15 दिन के पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता रूपम पाठक की 15 दिनों की पैरोल की अर्जी स्वीकार करते हुए उसे अवधि के बाद आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है।
रूपम पाठक बिहार के पूर्णिया के तत्कालीन भाजपा विधायक राजकिशोर केसरी की 2011 में हुई हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा जेल में काट रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का पक्ष रख रहे अतिरक्ति सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुनवाई के दौरान याचिका का विरोध नहीं किया।
राजू ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर हमने सत्यापित करवा लिया है कि उसकी बेटी की शादी होनी है। इस मामले में पैरोल की इजाजत दी जा सकती है।
आमतौर पर इस प्रकार की याचिकाओं का विरोध करने वाली सीबीआई द्वारा इस मामले में अलग रुख अपनाने पर मुख्य न्यायाधीश रमना ने कहा कि ओह! मिस्टर राजू, आपने (सीबीआई) पहली बार विचार किया है।
एक निजी स्कूल की शिक्षिका रही पाठक ने बेटी के कथित यौन शोषण करने के मामले में चार जनवरी 2011 को विधायक केसरी की चाकू घोंपकर कर हत्या कर दी थी।