पटना: पेपर लीक के बाद बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन (BPSC) के अधिकारियों और कर्मचारियों पर सवाल उठ रहे हैं. आर्थिक अपराध इकाई (EOU) मामले की जांच कर रही है. वह लगातार शक के घेरे में आए लोगों से पूछताछ कर रही है. पेपर लीक कांड में ईओयू ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. इनमें से एक पटना और दो दूसरे जिलों के रहने वाले हैं. इनके पास से बरामद लैपटॉप और मोबाइल को खंगाल लिया गया है. वहीं जांच टीम ने तीनों से पूछताछ भी की है.
अधिकारियों का तैयार किया जा रहा डाटा
EOU ने मामले से जुड़े सभी अधिकारियों का डाटा बेस तैयार कर रही है, जिसमें बीपीएसपी के अधिकारियों की सारी डिटेल खंगाली जा रही है. इसके अलावा सेंटर और पेपर वाले ट्रेजरी से संबंधित फुटेज को आर्थिक अपराध इकाई ने मंगाया है ताकि मामले की जांच की जा सके. ईओयू के मुताबिक आठ मई को आयोजित 67वीं संयुक्त परीक्षा का प्रश्न पत्र बीपीएसपी कार्यालय में परीक्षा शुरू होने से 17 मिनट पहले मिल चुका था.
परीक्षा शुरू होते ही लीक हो गया था पेपर
ईओयू की टीम ने जब बीपीएसपी के कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि जब उनके मोबाइल पर वायरल प्रश्न पत्र आया, तो उन्होंने इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी लेकिन उस समय तक परीक्षा शुरू नहीं हुई थी. उसके बाद बीपीएसपी के एक बड़े अधिकारी को गर्दनीबाग स्थित परीक्षा केंद्र पर भेजा गया. तब तक परीक्षा शुरू हो चुकी थी. जानकारी के मुताबिक 12 बजे जब परीक्षा शुरू होने वाली थी. इसके ठीक तीन मिनट बाद पेपर लीक की पुष्टि हुई. अधिकारी ने बताया कि लीक हुए पेपर से ओरिजनल पेपर मिल रहा है.
मामले में जल्द हो सकती है बड़ी कार्रवाई
ईओयू ने यह पता लगा लिया है कि प्रश्न पत्र पहली बार कब मिला. मिलने के बाद क्या प्रतिक्रिया हुई और इसके क्या-क्या कदम उठाए गए. मामले में जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है. वहीं इससे पूर्व गिरफ्तार लोगों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है.
परीक्षा में बैठे थे 6 लाख अभ्यर्थी
8 मई को बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा राज्यभर में 38 जिलों के 1083 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी. इस परीक्षा के लिए तकरीबन 6 लाख से ज्यादा उम्मीदवार परीक्षा देने पहुंचे थे.