पटना: कोरोना में अनाथ हुए बच्चों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बातचीत करेंगे। 30 मई को प्रधानमंत्री देश के सभी डीएम ऑफिस से जुड़कर कोरोना में माता-पिता को खो चुके बच्चों की परवरिश से संबंधित बातें कहेंगे। इस मौके पर स्थानीय विधायक और सांसद भी मौजूद रहेंगे। इन बच्चों को यह एहसास दिलाने की कोशिश करेंगे कि वह अनाथ नहीं हैं। बल्कि उनके साथ पूरा देश है। उनकी पढ़ाई-लिखाई के साथ पालन-पोषण की पूरी जिम्मेवारी माता-पता की तरह निभाने की कोशिश की जाएगी।
प्रधानमंत्री यह भी बताएंगे कि उनके लिए कौन-कौन सी योजनाएं चलायी जा रही है। उनकी पढ़ाई के बाद कॅरियर के लिए भी प्रयास किया जाएगा। प्रत्येक जिलों के डीएम को नाबालिग बच्चों का अभिभावक बनाया गया है। 18 साल तक इन बच्चों की परवरिश डीएम की निगरानी में होगी। पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन के तहत डाकघरों में खाता खोला गया है। अठारह साल तक इन बच्चों के खाते में 10 लाख रुपये जमा किये जाएंगे। राज्य में कोरोना से 73 बच्चे अनाथ हुए हैं। इसमें पटना जिले के 9 बच्चे हैं।
इन जगहों के हैं बच्चें
पटना जिले में कोरोना से अनाथ हुए बच्चों में 2 महेन्द्रू, 2 अनिसाबाद, 2 विद्युत कॉलोनी, 1 कंकड़बाग, 1 बुद्धा कॉलोनी और 1 बेऊर का है।
इन योजनाओं के तहत बच्चों को मिलेगा लाभ
समाज कल्याण निदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि कोरोना में जो बच्चे अनाथ हो गए हैं उनकी परवरिश के लिए उन्हें स्पांसरशिप योजना से जोड़ा जाएगा। इसके तहत दो हजार रुपये दिये जा रहे हैं। बिहार सरकार की ओर से एक कोरोना में अनाथ बच्चों हुए बच्चों को 1500 रुपये प्रतिमाह दिये जाने हैं। इन नाबालिग बच्चों को आयुष्मान कार्ड दिया जाएगा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की एक योजना से जोड़ा जा रहा है। इसमें हर साल 20 हजार और प्रत्येक महीने एक हजार रुपये दिये जाएंगे। एकेडमिक वर्ष शुरू होने पर आठ हजार रुपये दिये जाएंगे।