परवेज अख्तर/सिवान : चमकी बुखार से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारी को अंजाम देना शुरू कर दिया है। सदर अस्पताल समेत सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों वार्ड भी बना दिए गए हैं। सदर अस्पताल में दस बेड का पीकू वार्ड का निर्माण कराया जा रहा है। पीकू वार्ड के बन जाने से एक माह से अधिक उम्र के बच्चों का अब इलाज आसान होगा। फिलहाल सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड की सुविधा उपलब्ध है, इसमें नवजात को ही भर्ती किया जाता है। पीकू वार्ड के बनाए जाने से जिले के गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इस वार्ड में बच्चों के लिए आइसीयू की सुविधा उपलब्ध होगी। वैसे तो इस वार्ड में गंभीर बीमारी से पीड़ित सभी बच्चों का उपचार किया जाएगा, लेकिन चमकी बुखार (एईएस) से पीड़ित बच्चों को बचाव के लिए इस वार्ड का निर्माण कराया जा रहा है। पीकू वार्ड को सदर अस्पताल के आइसीयू वार्ड में ही तैयार कराया जा रहा है। इस पीकू वार्ड के लिए फिलहाल दस बेड और उपकरण लगाए जा रहे हैं। इस वार्ड में उन्हें उपचार से संबंधित सभी उपकरण और आइसीयू की सुविधा बेड पर ही उपलब्ध होगी।
अस्पताल लाने वाले वाहनों को मिलेगा आठ सौ रुपया
विभाग से मिली जानकारी अनुसार चमकी बुखार से पीड़ित मरीजों को अस्पताल लाने वाले वाहनों को विभाग की और से 800 रुपये की राशि दी जाएगी। वहीं सभी ब्लॉक में 102 एंबुलेंस मौजूद है।
सामान्य उपचार एवं सावधानियां
- अपने बच्चों को तेज धूप से बचाएं
- अपने बच्चों को दिन में दो बार स्नान कराएं
- गर्मी के दिनों में बच्चों को ओआरएस अथवा नीबू-पानी-चीनी का घोल पिलाएं
- रात में बच्चों को भरपेट खाना खिलाकर ही सुलाएं
मस्तिष्क ज्वर के लक्षण
- सरदर्द, तेज बुखार आना जो पांच-सात दिनों से ज्यादा का ना हो
- अर्द्व चेतना एवं मरीज में पहचानने की क्षमता नहीं होना
- बच्चे का बेहोश हो जाना
- शरीर में चमकी होना अथवा हाथ पैर में थरथराहट होना
- पूरे शरीर या किसी खास अंग में लकवा मार देना या हाथ पैर का अकड़ जाना
- बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक संतुलन ठीक नहीं होना
कहते हैं अधिकारीचमकी बुखार के लिए पीकू वार्ड को सदर अस्पताल के आइसीयू वार्ड में ही तैयार कराया जा रहा है। इसमें दस बेड और उपकरण लगाए गया है जबकि पीएचसी में भी वार्ड बनाया गया है। वहीं चमकी बुखार से पीड़ित मरीजों को अस्पताल लाने वाले वाहनों को विभाग की और से 800 रुपये की राशि दी जाएगी।
डॉ. एमआर रंजन जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी