- 30 से 35 टन प्रतिदिन निकलता है कूड़ा-कचरा
- 02 वर्ष पूर्व कचरा प्रबंधन प्लांट लगाने का मिला था प्रोपोजल
परवेज़ अख्तर/सिवान :- शहर की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में एक ठोस कचरा प्रबंधन योजना कागजों में दफन हो गई है। इससे शहर की गंदगी के निस्तारण का स्थाई व ठोस समाधान सपना सा लगने लगा है। वर्तमान में नगर परिषद प्रशासन के पास कचरे के निस्तारण का कोई ठोस इंतजाम नहीं हो पाया है। वहीं शहर के लिए वर्तमान में गंदगी एक बड़ी समस्या बनकर रह गई है। नगर परिषद क्षेत्र के सभी 38 वार्डों से प्रतिदिन एकत्र किए जा रहे कचरे को निस्तारित करना नगर परिषद प्रशासन के लिए मुसीबत बनी हुई है।
या यूं कहा जाए कि डोर टू डोर कचरा एकत्रित कर सुरक्षित तरीके से निस्तारण करने के लिए चलाई जा रही कचरा प्रबंधन योजना नगर परिषद के कुप्रबंधन का शिकार हो कर रह गई है। ठोस कचरा प्रबंधन की योजना ठप पड़ने से आधुनिक तकनीक से कचरे का निस्तारण व खाद निर्माण नहीं हो रहा है। समस्या यह है कि गंदगी को कैसे नष्ट किया जाए। वहीं नगर परिषद प्रशासन को विभागीय स्तर से कचरा प्रबंधन यूनिट लगाने की योजना के लिए दो वर्ष पूर्व प्रोपोजल मिलने के बाद भी योजना अधर में लटकी हुई है।
30 से 35 टन निकलता है प्रतिदिन कूड़ा-कचरा
नगर परिषद के सभी 38 वार्ड से प्रतिदिन लगभग 30 से 35 टन कचरा एकत्रित किया जाता है। विभाग द्वारा कचरा प्रबंधन एवं निस्तारण को लेकर योजना तो तैयार कर ली गई है, लेकिन कूड़ा निस्तारण को लेकर वर्ष 2017 में नौतन के अंगौता गांव में चार करोड़ 3 हजार 7 सौ 38 रुपए का भुगतान कर खदीदे गए 12 बिगहा 4 कट्ठा 10 धुर जमीन पर नगर परिषद का कब्जा नहीं होने से उक्त भूमि पर कचरा डंपिग व कचरा प्रबंधन यूनिट लगाने का काम अबतक नहीं हो पाया है। जमीन पर कब्जा नहीं होने के कारण विभाग द्वारा कूड़ा-कचरा को जहां तहां डंपिग करना पड़ता है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
कचरा प्रबंधन एवं निस्तारण के लिए नगर परिषद द्वारा अंगौता में जमीन की खरीद की गई है। उक्त जमीन पर निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया गया था, लेकिन जमीन का मामला हाइकोर्ट में चले जाने के बाद से निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई। हाइकोर्ट से ऑर्डर मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कपिलदेव कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद सिवान