सिवान के चैनपुर में अपराधियों के गोली के शिकार गोरख को जिन लोगों ने इलाज के लिए अस्पताल में कराया था भर्ती उन तीन लोगों को हीं पुलिस ने किया गिरफ्तार

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  • मृतक गोरख के पिता ने अज्ञात के विरुद्ध दिया थाने में आवेदन
  • अपराध के लिए सुरक्षित रहा है बंगरे का बारी
  • स्वजनों के चीत्कार से माहौल हुआ गमगीन
  • युवक की हत्या के बाद गांव में दहशत का माहौल
  • वर्ष 2004 में ओपी में पदस्थापित दारोगा बीके यादव की बदमाशों ने भी गोली मारकर की थी हत्या

✒️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ:
चैनपुर ओपी क्षेत्र नवादा निवासी जयनारायण सिंह ने चैनपुर ओपी में आवेदन देकर अज्ञात के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। मृतक के पिता द्वारा आवेदन मिलने पर पुलिस ने हिरासत में लिए गए मुखिया पुत्र समेत तीनों युवकों को पीआर बांड पर छोड़ दिया। वहीं ग्रामीणों में पुलिस की कार्रवाई पर आक्रोश है।ग्रामीणों का कहना है कि जिन लाेगों ने मृतक रितेश कुमार सिंह उर्फ गोरख को इलाज कराने के लिए रेफरल अस्पताल पहुंचाया था,उन लोगों को ही पुलिस ने ही शक के आधार पर गिरफ्तार कर हाजत में बंद कर दिया था। पुलिस को इस घटना की पहले जांच करनी चाहिए थी।ज्ञात हो कि नवादा निवासी रितेश सिंह उर्फ गोरख सिंह की हत्या अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर कर दी थी।घटना की सूचना मिलने पर मुखिया मीरा देवी के पुत्र रितेश सिंह भी वहां पहुंच गए और उन्हें इलाज के लिए अन्य दो लोगों के साथ रेफरल अस्पताल में ले गए थे,जहां चिकित्सक द्वारा घायल को मृत घोषित कर दिया था।इसके बाद घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचकर शक के आधार पर मुखिया पुत्र रितेश सिंह समेत दो अन्य लोगों को गिरफ्तार कर ली थी।सोमवार को जब मृतक के पिता द्वारा ओपी में अज्ञात के विरुद्ध आवेदन दिया गया तब जाकर पुलिस पीआर बांड पर हिरासत में लिए गए तीनों लोगों को रिहा कर दी।

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चैनपुर ओपी क्षेत्र के बंगरे के बारी में हुई युवक की हत्या के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है। लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं से पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न उठने लगा है। वहीं घटना को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। ज्ञात हो कि रविवार की देर शाम चैनपुर ओपी क्षेत्र के नवादा गांव निवासी जयनारायण सिंह के पुत्र रितेश कुमार सिंह उर्फ गोरख सिंह की हत्या अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर कर दी। वहीं स्थानीय पुलिस इस घटना का उद्भेदन करने में जुटी हुई है। घटना के कारणों का पता नहीं चल सका है। ओपी प्रभारी अभिनंदन कुमार ने बताया कि आवेदन मिलने के बाद ही घटना के कारण का पता चल सकता है। फिलहाल पुलिस हिरासत में लिए गए तीनों युवकों से पूछताछ की जा रही है।

रितेश कुमार सिंह उर्फ गोरख सिंह की हत्या के बाद स्वजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया। मृतक की मां ज्ञांती देवी, पिता जयनारायण सिंह समेत अन्य स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। आसपास के ग्रामीण स्वजनों को ढाढ़स बंधा रहे थे। रितेश कुमार सिंह उर्फ गोरख सिंह पांच भाइयों में दूसरे नंबर पर था तथा वह अविवाहित था। शादी विवाह में वीडियोग्राफी का काम करता था।

चैनपुर ओपी क्षेत्र के बंगरे का बारी बदमाशों के लिए सुरक्षित रहा है। यही पर वर्ष 2004 में ओपी में पदस्थापित दारोगा बीके यादव की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। स्थानीय लोगों में ऐसी चर्चा है कि कहीं अपराध के लिए कुख्यात दक्षिणावर्ती इलाका फिर पहले के दौर में नहीं चला जाए। हालांकि ग्रामीण सरकार एवं प्रशासन को भी बढ़ते अपराध के लिए कोस रहे हैं। बता दें कि 22 जुलाई को चैनपुर निवासी पालीटेक्निक के छात्र सलमान खुर्शीद उर्फ सन्नी की बदमाशों ने दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। चार महीने बीत जाने के बाद भी सन्नी की हत्या में शामिल बदमाश अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं।