सेना का जवान है मुख्य हत्यारा
परवेज़ अख्तर/सीवान:- जिले के बड़हरिया बाजार के मिठाई दुकानदार वीरेंद्र यादव की हत्या के आठ महीने बाद भी पुलिस मुख्य अभियुक्त फौजी उमेश यादव को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इतना ही नहीं अभियुक्त के घर के संपत्ति के कुर्की जब्ती के आदेश के एक महीने बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। पुलिस के इस रूख से नाराज वीरेंद्र के परिजनों ने पुलिस पर केस को दबाने का आरोप लगाया है। वीरेंद्र के छोटे भाई उपेंद्र यादव का कहना है कि इस मामले को लेकर पुलिस काफी निष्क्रिय है। कहना है कि डीआईजी व एसपी के आदेश के बाद भी पुलिस कश्मीर जाकर मुख्य अभियुक्त को नहीं पकड़ रही है। दरअसल वीरेंद्र यादव के हत्या का मुख्य अभियुक्त उमेश यादव सेना का जवान है। फिलहाल वह कश्मीर में तैनात है। दूसरे प्रदेश में जाने से पहले पुलिस को डीआईजी से अनुमति लेना पड़ती है। इस मामले में सारण रेंज के डीआईजी ने करीब डेढ़ महीने पूर्व स्थानीय पुलिस को कश्मीर जाने की अनुमति दे दी है। बावजूद पुलिस यह पता लगाने में अभी तक नाकाम रही कि उमेश यादव कश्मीर में किस जगह पर तैनात है। गौरतलब है कि पिछले साल 12 अक्टूबर को शाम करीब साढ़े 8 बजे बड़हरिया-जामो मार्ग पर वीरेंद्र यादव की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। घटना उस वक्त की है जब वीरेंद्र अपने गांव नवलपुर के नूरा छपरा से बहड़रिया स्थिति अपनी दुकान पर आ रहे थे। वीरेंद्र के छोटे भाई उपेंद्र के बयान पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया था। लेकिन पुलिस जांच में हत्या का मुख्य अभियुक्त वीरेंद्र यादव के चचेरे भाई और साढू उमेश यादव को बनाया गया। इसके साथ ही मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गोपलापुर निवासी जितेंद्र यादव, पचरूखी के नैनपुरा निवासी गोपालजी यादव व भलुआ के रामअवतार यादव को भी आरोपित किया गया। इसमें जितेंद्र यादव उमेश का छोटा बहनोई है। वहीं गोपालजी यादव उमेश के छोटे भाई रमेश का ससुर है। इस मामले में रामअवतार यादव और गोपालजी यादव फिलहाल जमानत पर हैं जबकि उमेश और जितेंद्र फरार हैं।
क्या कहते हैं एसपी
एसपी नवीनचंद्र झा ने कहा कि अभियुक्त फरार नहीं है बल्कि वह ड्यूटी पर तैनात है। इसकी वजह से पुलिस घर की कुर्की नहीं कर रही है। कहा कि डीआईजी से कश्मीर जाने की अनुमति मिल गई है। कश्मीर में वह कहां तैनात है इसका पता लगाया जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]