पटना: मुजफ्फरपुर पुलिस के गिरफ्त में आये फर्जी ADM मामले की जांच में परत दर परत चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस को उसके पास से करीब 300 गोपनीय लेटर मिले। ये सभी लेटर सरकार के सचिव, DM मुजफ्फरपुर और कटिहार द्वारा जारी किया गया है। इसके अलावा बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का आवेदन, मुजफ्फरपुर DM द्वारा AES के प्रति जागरूकता की लेकर की गई बैठक, नगर निगम ऑटो टॉपर घोटाला के आदेश की कॉपी, DM के कार्यक्रम की लिस्ट समेत अन्य कॉपी उसके मोबाइल से मिले हैं। अब पुलिस इस लेटर की सच्चाई का पता लगाने के लिए सम्बन्धित विभागों से संपर्क साधने में जुटी है।
फर्जी ADM आकाश का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वह एक कार में पीछे की सीट पर बैठा है। साथ मे दो व्यक्ति और हैं। एक कार चला रहा है। उसने पुलिस की वर्दी पहनी हुई है। कहा जा रहा है की फर्जीवाड़े के खेल में उसके साथ और भी कई लोग शामिल हैं, वे फर्जी DSP बनकर घूमते आकाश के साथ घूमते थे। पुलिस उस वीडियो में दिखने वाले व्यक्ति और पुलिस की वर्दी पहनकर कार चलाने वाले का पता लगा रही है।
पुलिस जांच में पता लगा कि वह रात में पुलिस की वर्दी पहने लोगों के साथ हाइवे पर घूमता था। बताया जा रहा है कि पुलिस की वर्दी में DSP रैंक के अफसर होते थे। अब वे असल DSP होते थे या आकाश की तरह फर्जी। ये कहना अभी मुश्किल है। ये लोग रात को हाइवे पर गाड़ियों की चेकिंग भी करते थे। पुलिस का कहना है कि गाड़ी चालकों से मोटी रकम भी ऐंठते थे।
आकाश अपने भाई आशीष सन्नी के बारे में पुलिस को बताया कि वह पटना DM ऑफिस में कार्यरत है। पूछताछ में आकाश ने तो बताया कि उसे सभी गोपनीय दस्तावेज उसका भाई ही उपलब्ध करवाता था। अब पुलिस उसके भाई की तलाश में जुट गई है। पहले ये पता किया जा रहा है कि वह सही में पटना DM ऑफिस में कार्यरत है भी या नहीं।