- मारपीट व हंगामा के संभावाना के मद्देनजर बढ़ायी जा रही है सुरक्षा
- गृह विभाग ने जारी किया दिशा-निर्देश
- कालाबाजारी को रोकने के लिए उठाये आवश्यक कदम
- मरीज के परिजनों के प्रतिक्षा के लिए होगी अस्थाई व्यवस्था
छपरा: वर्तमान में जिले में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का व्यापक प्रभाव है। उक्त संबंध में जनमानस में व्याप्त भय को देखते हुए राज्य के सरकारी एवं निजी चिकित्सा तंत्र पर अत्यधिक दबाव पड़ना अवश्यम्भावी है। ऐसी स्थिति में मरीजों के परिजनों द्वारा चिकित्सकों एवं अस्पताल प्रबंधन पर अनुचित दबाव डालने तथा उनके साथ दुर्व्यहार एवं मारपीट की घटनाएं सामने आ सकती हैं । इससे विधि व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न होने की सम्भावना है। इसको लेकर गृह विभाग ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि जिला पदाधिकारी एवं जिला पुलिस अधीक्षक अपने अपने जिले में कोविड-19 के इलाज हेतु चिह्नित अस्पतालों, कोविड केयर सेंटर एवं अन्य चिकित्सा प्रतिष्ठान क्वारेंटाइन सेंटर, जहाँ कोविड-19 के मरीजों का इलाज किया जा रहा है या संक्रमण की आशंका वाले व्यक्तियों को संस्थागत आइसोलेशन में रखा गया है, उसके आसपास विधि व्यवस्था के समुचित संधारण हेतु आवश्यकता के अनुरूप पुलिस बल के साथ दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करेंगे।
पेट्रोलिंग की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए
उन क्षेत्रों में जहाँ ऐसे अस्पताल कोविड केयर सेंटर अवस्थित है, पेट्रोलिंग की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए तथा गश्त की संख्या में वृद्धि की जाए। सभी जिला पुलिस अधीक्षक स्थिति के आकलन के आधार पर उपर्युक्त दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्रों में स्टैटिक पुलिस दल की प्रतिनियुक्ति कर सकेंगे। जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि कोविड-19 के इलाज में संलग्न सभी चिकित्सकों, अस्पतालों एवं अन्य संस्थाओं को विधि व्यवस्था एवं राहत कार्यों से सम्बद्ध महत्वपूर्ण पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों के मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराये जाएँ, ताकि मरीजों के परिजन या अन्य व्यक्तियों द्वारा इलाज में बाधा पहुंचाए जाने, हिंसक व्यवहार किए जाने या अन्य आपात स्थिति में पुलिस दल या अन्य आवश्यक मदद के लिए तत्काल सम्पर्क किया जा सके।
चिकित्सक के साथ मारपीट व हंगामा करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
यदि कोई व्यक्ति समूह उपर्युक्त चिकित्सा संस्थानों में किसी चिकित्सक, चिकित्सा कर्मी या अस्पताल प्रबंधन को इलाज या उनके कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान कोई हानि, इति अवरोध या बाधा पहुंचाता है और/या चिकित्सा संस्थानों की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाता है, तो उसके उनके विरुद्ध “बिहार चिकित्सा सेवा संस्थान और व्यक्ति सुरक्षा अधिनियम, 2011” (समय समय पर यथासंशोधित) तथा भा०५०वि० की प्रासंगिक धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाए। जिला पदाधिकारी एवं जिला पुलिस अधीक्षक जिले के प्रमुख चिकित्सक एवं प्रतिष्ठित अस्पतालों के प्रबंधन के साथ कोड-19 के इलाज में आ रही समस्याओं को समझने तथा उन समस्याओं के समाधान हेतु समय समय पर बैठक करेंगे, ताकि कोड 19 महामारी के विरुद्ध उनके अनुभव, परामर्श एवं सहयोग का समुचित उपयोग किया जा सके।
मरीज के परिजनों की प्रतीक्षा के लिए होगी अस्थाई व्यवस्था
गृह विभाग ने आदेश दिया है कि जिला प्रशासन जिले में ऑक्सीजन कोड के इलाज में सहायक दवाओं एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। सभी कोविड अस्पतालों के बाहर मरीजों के परिजनों द्वारा प्रतीक्षा करने के लिए अस्थायी व्यवस्था का निर्माण किया जाए। परिजनों को मरीजों के स्वास्थ्य के सम्बन्ध समय समय पर अद्यतन सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।