परवेज अख्तर/सीवान: सीवान की सड़कों पर जब पुलिस के हाथ में डंडे के बजाय जब फूल देखा गया, तो किसी शायर का कहा हुआ सायरी मुझे याद आने लगी, कि अपना तो एक ही वसूल है मंदिर जाओ या मस्जिद जाओ उनकी भी पहली पसंद फूल है , फुल देख कर देखने वाले हैरत में पड़ गए कि क्या यह सही है या कोई सपना जी हां आपको बता दें की सडक सुरक्षा सप्ताह में यह कानून जब आया तो यह कहा गया कि लोगों को डंडे और चालान के अलावा गांधीगिरी के जरिए सड़क सुरक्षा की महत्व को समझाया जाए और इसके प्रति लोगों को जागरूक किया जाए।
नीतीश कुमार भी लगातार इस पर जोर दे चुके हैं आज उसी क्रम में परिवहन विभाग के अर्चना कुमारी व ट्रैफिक इंचार्ज शाहजहां खान अपने दल बल के साथ जब सड़क पर फूल लेकर निकले तो वाकई माहौल और नजारा देखने लायक था ,हर उन लोगों को रोका जा रहा था जिनके सर पर हेलमेट नहीं थी या नाबालिग बच्चे जो बिना लाइसेंस बिना हेलमेट और बिना सुरक्षा के सडकों स्टंट करते नजर आते हैं आज उन्हें पुलिस ने गुलाब का फूल देकर समझाने की पूरी पूरी कोशिश की हालांकि हमारी टीम से जब बातचीत में जिन लोगों को गुलाब का फूल दिया गया उन लोगों ने कहा कि हमसे गलती हो गई है और यह हमारी सुरक्षा के लिए ही है इसलिए हम अबसे सडक सुरक्षा का पुरा ख्याल रखेंगें।