परवेज अख्तर/सिवान : जिले के जी. बी. नगर थाना क्षेत्र के रौजा गौर निवासी सह कथित तांत्रित असगर अली उर्फ मस्तान बाबा कहां है, यह फिलहाल पुलिस के लिए एक अनबुझ पहेली बन गई है। उसकी गिरफ्तारी अब तक नहीं होना पुलिस को ही संदेह के घेरे में डाल रही है। क्योंकि असगर के घर से पुलिस ने 66 लाख 67 हजार 965 रुपये और हथियार बरामद किए थे और कांड के बाद से अब तक वह फरार चल रहा है। उसकी गिरफ्तारी में पुलिस द्वारा शिथिलता बरतना इस मामले को कहीं ना कहीं कमजोर कर रही है। अगर पुलिस असगर की गिरफ्तारी के लिए उस पर दबाव बनाती तो बरामद किए गए अवैध हथियार और रुपये के बारे में कई राज अगसर से निकलते। वह कहां है, क्या फिर किसी दूसरे जिले में अपना अवैध कारोबार करने की फिराक में है, इसके बारे में किसी कोई भनक नहीं है। ऐसे में पुलिस ने इस मामले में अब तक सिर्फ लकरी पर लाठी पिटने का काम किया है। सूत्रों की माने तो कांड में फरारी के बाद अब तक चोरी छुपे कई बार असगर रात के अंधेरे में अपने मकान पर पहुंचा और फिर गायब हो गया। चर्चा तो यह भी है कि वह अपने कुछ करीबियों के घर पर भी आसरा ले कर रहा हा है, लेकिन पुलिस उसकी गिरफ्तारी में इच्छुक नहीं है। वरना एक गुप्त सूचना पर अवैध झाड़फूंक के अड्डे पर छापेमारी कर इतनी बड़ी तादाद में रुपयों के साथ अवैध हथियार की बरामदगी के बाद पुलिस असगर को अब तक गिरफ्तार कर चुकी होती, या नहीं तो फिर इस मामले में उसके खिलाफ वारंट निर्गत करा उस पर हाजिर होने का दबाव बनाती।
झाड़फूंक के अड्डे पर दोबार नहीं पहुंचे कोई अधिकारी
गांव के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार असगर के झाड़फूंक के अड्डे पर अभी भी लोगों की भीड़ एकत्रित होती है, उनका इलाज कौन करता है, इसके बारे में वे भी कुछ नहीं बताते,लेकिन यह जरूर कहते हैं कि बाबा की मेहरबानी से वे जल्द ठीक हो जाएंगे। ऐसे में इस झाड़फूंक के अड्डे को पुलिस ने सील तक नहीं किया, ना ही यहां दोबारा किसी प्रशासनिक अधिकारी ने आकर जांच ही की। ये सारी बातें इस मामले को कमजोर करने के सबूत बयां करती हैं।
धारदार व अवैध हथियार हुए थे बरामद
बता दें कि बीते माह एएसपी कांतेश मिश्रा के नेतृत्व में रौजा गौर गांव में छापेमारी की गई थी। इस दौरान जर्मनी निर्मित 9 एमएम पिस्टल, 12 गोली, एक एयरगन, एक तलवार,पांच भुजाली व छुड़ी, चार मोबाइल, 66 लाख 67 हजार 965 रुपये नकद, एक प्रिंटर मशीन,33 ग्राम सोना के तथा 750 ग्राम चांदी के आभूषण, लैपटॉप, अवैध एक्सपायरी दवाएं बरामद की थीं।
दो को पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा था जेल
पुलिस ने छापेमारी के दौरान तांत्रिक असगर अली उर्फ मस्तान बाबा की मां मुन्नी बेगम और भाभी सहाना खातून को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन असगर की गिरफ्तारी पुलिस द्वारा अब तक नहीं हो सकी।
मानवता को किया था शर्मसार
तांत्रिक असगर अली के झाड़फूंक के अड्डे से पुलिस ने जंजीर में जकड़े तीन नवयुवकों एवं महिलाओं को भी मुक्त कराया था। जिनमें गोपालगंज जिले फताह के नाहिद एकबाल, गोपालगंज के मांझा थाना क्षेत्र के कर्णपुरा निवासी मो. आजाद, गोपालगंज जिला के बरौली निवासी गोलू कुमार, दिल्ली ओखला के नौशाद एकबाल तथा महाराजगंज थाना क्षेत्र के इंदौली निवासी दुर्गावती देवी शामिल थे। पुलिस ने इस क्रूरता को देख हैरानी जताई थी। जबकि जानकारी के अनुसार असगर मानवाधिकार का सदस्य बताता था।
शंकर सोनी हत्याकांड में अप्राथमिकी अभियुक्त है मस्तान
बता दें कि शंकर सोनी की गोली मारकर हत्या कर उसके शव को जीबी नगर थाना क्षेत्र के पचपकड़िया गांव के समीप अपराधियों ने फेंक दिया था। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिसने उसके शव को 7 फरवरी, 19 को खून से लथपथ अवस्था में बरामद किया था। इस घटना को लेकर पुलिस ने जीबी नगर थाना में हत्या से संबंधित मामला दर्ज किया था। अनुसंधान के क्रम में तांत्रिक असगर अली उर्फ मस्तान बाबा को अप्राथमिक अभियुक्त बनाया गया। एएसपी कांतेश मिश्रा ने बताया कि सभी दर्ज मामले का अनुसंधान जीबी नगर थाने में पदस्थापित अलग-अलग पुलिस पदाधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। आगे की कार्रवाई न्यायालय के अनुमति पर की जाएगी। फरार मस्तान बाबा की गिरफ्तारी के लिए एक पुलिस टीम का गठन किया गया है जो छापेमारी में लगी हुई है।