- सावधान! इस घर में कोरोना के मरीज है
- आशा कार्यकर्ता और एएनएम कर रही है मरीजों की निगरानी
- चिकित्सक कर रहे है फॉलोअप
छपरा: कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग का काम योजनाबद्ध तरीके से चल रहा है। जिला प्रशासन की कोशिश है कि संक्रमण की रफ्तार को रोकी जाए। इसके लिए जरूरी है कि कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन के नियमों का पूरी सख्ती से पालन करें। पहले देखा जाता था कि कोरोना संक्रमित होने के बावजूद लोग घरों से बाहर निकल जाया करते थे, लेकिन अब प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। सिविल सर्जन डॉ. जर्नादन प्रसाद सुकुमार ने बताया कांटेक्ट ट्रेसिंग के अलावा लगातार निगरानी भी कराई जा रही है। प्रत्येक कोरोना संक्रमित व्यक्ति के घर में पोस्टर चस्पा जा रहा है ताकि अगल-बगल और संबंधित व्यक्ति को जानने वाले लोग सजग और सतर्क रह सके। तब तक संक्रमित व्यक्ति का घर से निकलना ना हो जब तक कि उसकी रिपोर्ट नेगेटिव ना आ जाए। आशा कार्यकर्ता आंगनबाड़ी सेविका, एएनएम व स्वास्थ्यकर्मी लगातार मरीजों की निगरानी कर रहे है।
हर संक्रमित से ली जा रही जानकारी
किसी भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति को छोड़ा नहीं जा रहा है। हर संक्रमित के घर पहुंच कर सारी जानकारी एकत्रित की जा रही है. इस बार कांटेक्ट ट्रेसिंग जमीनी स्तर पर बेहतर तरीके से किया जा रहा है। और मरीजों के संपर्क में स्वस्थ लोग न आए इसके लिए कड़ी निगरानी भी की जा रही है।
मरीजों का हाल चाल पूछ रहे है नियंत्रण कक्ष के कर्मी
कोरोना संक्रमित मरीजों का फोन कॉल के माध्यम से फालोअप किया जा रहा है। वहीं आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका तथा एएनएम के द्वारा गृह भ्रमण कर निगरानी कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को कोविड दवा किट भी उपलब्ध करायी जा रही है। इसके साथ ही जिला नियंत्रण कक्ष के माध्यम से उनके स्वास्थ्य का हाल- चाल पूछा जा रहा है। माइक्रो कंटेनमेंट ज़ोन में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोविड-19 जांच रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से की जा रही है। वहीं आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका तथा एएनएम के द्वारा 14 दिनों तक गृह भ्रमण कर प्रत्येक व्यक्तियों के लक्षणों के बारे में जानकारी ले रही है।
इन बातों का रखें विशेष ख्याल
- 45 साल से ऊपर सभी लोग कोरोना का टीका जरुर लें
- व्यक्तिगत स्वच्छता और शारीरिक दूरी बनाए रखें.
- बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
- साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल करें.
- साफ दिखनेवाले हाथों की भी अंतराल पर सफाई करें.
- छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके.
- उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
- घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
- बार-बार मास्क को ऊपर नीचे करने से बचें.
- बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से एक सुरक्षित दूरी बनाए रखें.
- अपनी कोहनी के अंदरूनी हिस्से में छींके, अपने हाथों की हथेलियों में न खासें.
- आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.