परवेज़ अख्तर/सिवान:
जिलेवासियों को अभी कुछ दिन और बिजली किल्लत झेलनी पड़ सकती है। कारण सारण जिले के अमनौर से मिलने वाली बिजली सप्लाई पूरी तरह से ठप है। अमनौर ग्रिड लबालब बाढ़ के पानी से भरा हुआ है। बाढ़ का पानी ग्रिड के पैनल तक पहुंच गया है। वहीं पानी भर जाने के कारण रिले भी बंद पड़ा है। मोटरपम्प के सहारे ग्रिड से पानी निकालने का प्रयास किया जा रहा है। तीन दिनों से पानी का लेबर स्थिर है। संभावना जतायी जा रही है कि एक-दो दिन में पानी घटने लगेगा। अभी फिलहाल जिले में गोपालगंज के रास्ते बिजली सप्लाई की जा रही है।
जिलेवासियों को 160 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है। गोपालगंज से मात्र 50 मेगावाट बिजली ही मिल रही है।इसमें से दस मेगावाट बिजली केवल रेलवे को चला जाता है। अमनौर ग्रिड के फील्ड इंजीनियर दिगंबर कुमार ने बताया कि 20 मोटरपम्प से पानी निकालने का कार्य लगातार चल रहा है। वहीं विद्युत कार्यपालक अभियंता विक्की कुमार ने बताया कि कम्पनी के वरीय अधिकारी अमनौर ग्रिड का मॉनिटरिंग कर रहे हैं। स्थिति सामान्य होने में कम से कम एक सप्ताह का वक्त लग जाएगा। उन्होंने जिले के उपभोक्ताओं से संयम बरतने की अपील की है।
गोपालगंज के रास्ते 120 मेगावाट वैकल्पिक रूट का प्रस्ताव
गोपालगंज के रास्ते जिले में फिलहाल 50 मेगावाट ही बिजली मिल रही है। यह बिजली हथुआ के रास्ते आती है। इस रूट की क्षमता अधिकतम 70 मेगावाट ही है। विद्युत कार्यपालक अभियंता विक्की कुमार ने बताया गोपालगंज से जिले से एक नया रूट बनाकर डायरेक्ट बिजली लाने का प्रस्ताव है। बीच में हथुआ नहीं रहेगा। इस कारण लोड सेडिंग नहीं करना पड़ेगा और जिले को निर्बाध बिजली मिल सकेगी। इस नए रूट की क्षमता 120 मेगावाट की होगी। अगर कोई अड़चन नहीं आया तो जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।
शहरी उपभोक्ताओं को 14 घंटे मिल रही बिजली
बिजली किल्लत से शहरी उपभोक्ताओं की दिनचर्चा बदल गई है। उन्हें करीब चौदह घंटे ही बिजली मिल रही है। करीब दस घंटे उन्हें बिना बिजली की गुहारनी पड़ रही है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर व्यवसाय तक प्रभावित हो रहा है। वहीं कई लोगों की निंद रात में पूरी नहीं हो पा रही है। उजायं मार्केट के मनोज सिंह ने बताया कि रात में बिजली कट जाने से उनकी नींद टूट जाती है। फिर जागकर बिजली आने का इंतजार करना पड़ता है।