परवेज अख्तर/सिवान : जब तक ऊपर वाला नहीं चाहेगा इंसान का बाल भी बांका नहीं हो सकता है। ऊपर वाले के ही हाथ में मरना और जीना दोनों हैं। कुछ इसी तरह सदर अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे दो नवजातों की जान बचाने के लिए ऊपर वाले ने अपने बंदों को भेज दिया। शहर के रहने वाले इमरान ने अपने नाम के अनुसार इंसानियत की मिसाल पेश की है। सदर अस्पताल में भर्ती दो नवजातों को खून की जरूरत थी और वे जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे। इनमें एक महाराजगंज का भरत कुमार है जो नौ दिन से भर्ती है और दूसरा टाड़वां राज कुमार है। दोनों बच्चे एनआइसी में एडमिट थे, जिनका इलाज डॉ इसराइल कर रहे थे। दोनों बच्चों को ब्लड की जरूरत थी परिजन परेशान थे। इसी बीच इमरान अख्तर भी वहां मौजूद था और उसने बिना कुछ सोचे समझे रोजा तोड़ कर रक्तदान करने का फैसला किया। मौके पर साहिल मकसूद, नेमत खान, फरहान असलम, राजा कुमार, शानू शराफ, इमरान अहमद, मेराज अहमद, स्वप्रिल सोनी मौजूद रहे।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]
पेश की इंसानियत की मिसाल, रोजा तोड़ किया रक्तदान बचाई दो नवजातों की जान
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