परवेज अख्तर/सिवान : सदर प्रखंड के जियांय गांव स्थित जामा मस्जिद के खतिबो इमाम हाफिज मो. अरमान अख्तर ने रमजानुल मुबारक पर फजिलत बयान करते हुए कहा कि रमजान के महीने में कुरान शरीफ नाजिल हुई है। इसका एक-एक लम्हा रहमतों अनवार से भरा हुआ है। इस महीने में अल्लाह तबारक व ताला दोजख के दरवाजे बंद करते हुए शैतानों को कैद कर देता है और जन्नत के दरवाजे खोल देता है। उन्होंने कहा कि इस माह में अधिक से अधिक कुरान की तिलावत करें। कुरान एक ऐसी किताब है जिसका देखना, छूना, चुमना आदि इबादतों में से एक है। कुरान का एक हर्फ पढ़ने पर 10 नेकियां लिखी जाती है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जबकि उक्त हर्फ पढ़ने का सवाब इतना है तो जो इंसान को रोजाना कुरान-ए-पाक की तिलावत करे तो उसका सवाब कितना होगा। उन्होंने रोजा के बारे में जिक्र करते हुए बताया कि अगर कोई जान बुझ कर रमजान का एक रोजा छोड़ दे तो उसका कफ्फारा 60 मिसकीनों को दो टाइम पेट भर खाना खिलाएं या बदले में 60 रोजे रखें। रोजा रखने का सवाब किसी भी किताब में नहीं है, क्योंकि रोजा अल्लाह के वास्ते रखा जाता है और कयामत के दिन अल्लाह जब अपने बंदों से जब मुलाकात करेंगे तो उसको उस बदले में क्या देंगे, वहीं जानते हैं।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]
रमजान के महीने में कुरान नाजिल हुई : हाफिज अरमान अख्तर
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