बलिदान के शव यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
✍️परवेज अख्तर/सिवान: जम्मू- कश्मीर में तैनात प्रखंड के ढोड़हा सुल्तान निवासी सीआरपीएफ जवान मदन पांडेय का पार्थिव शरीर मंगलवार की सुबह में उनके पैतृक गांव पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। स्वजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया। बलिदानी का शव गांव पहुंचते ही दरवाजे पर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीण व जनप्रतिनिधि स्वजनों को ढाढ़स बंधा रहे थे। जवान का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नरहन स्थित सरयू नदी घाट पर किया गया। ज्ञात हो कि जवान मदन पांडेय का पार्थिव शरीर जम्मू कश्मीर (श्रीनगर) से दिल्ली पहुंचा तथा वहां पटना एयरपोर्ट से एक दर्जन जवानों के साथ उनके पैतृक गांव लाया गया। गांव पहुंचने पर माहौल गमगीन हो गया। कुछ देर के बाद उनका शव यात्रा निकाली गई। इसमें काफी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। इस दौरान ग्रामीण भारत माता की जय, मदन पांडेय अमर रहे के नारे के साथ उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प की वर्षा कर रहे थे। उनका पार्थिव शरीर नरहन घाट स्थित सरयू नदी पहुंचने पर बीडीओ अशोक कुमार, सीओ निखिल कुमार, एसआइ शनि कुमार रजक सहित कई पुलिस पदाधिकारी व कर्मी पहुंच तथा उन्हें अंतिम सलामी दी। इस मौके पर जम्मू कश्मीर से आए सीआरपीएफ जवानों ने गार्ड आफ आनर देकर उन्हें सलामी दी। इस मौके पर काफी संख्या में जनप्रतिनिधि व ग्रामीण उपस्थित थे।
जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में तैनात थे बलिदानी मदन पांडेय
प्रखंड के ढोड़हा निवासी सीआपीएफ जवान मदन पांडेय जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में तैनात थे। उनके पुत्र मुकेश पांडेय ने बताया कि पिताजी भारत-पाक की सीमा अनंत नाग बार्डर पर उनकी ड्यूटी थी। 19 मार्च को अपराह्न करीब तीन बजे की उनके अस्वस्थ होने की बात कहकर दिल्ली आने को कहा, इसके बाद उसी रात उनके निधन की सूचना मिली। उनकी नियुक्ति 1984 में मोकामा में 198 सीआरपीएफ की बटालियन में हुई थी। उन्हें दो पुत्र व दो पुत्री है। इसमें एक पुत्र को छोड़कर सभी की शादी हो चुकी है। वे पिछले माह 28 फरवरी घर से ड्यूटी पर गए थे।